IIT Baba Abhay Singh : हरियाणा के IITian का विज्ञान से आध्यात्म की ओर सफर, पढ़ें अभय सिंह की अद्भुत कहानी
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IIT Baba Abhay Singh : हरियाणा के IITian का विज्ञान से आध्यात्म की ओर सफर, पढ़ें अभय सिंह की अद्भुत कहानी

IIT Baba Abhay Singh : अभय सिंह के विचार आज के भौतिकवादी समाज को एक नया रास्ता दिखाते हैं. उनका कहना है कि हमारी आंखें, हमारे विचार और हमारी ऊर्जा सिर्फ ऐसे साधन हैं, जो हमें इस दुनिया और ब्रह्मांड की गहराई और विशालता को समझने में मदद करते हैं.

 

IIT Baba Abhay Singh : हरियाणा के IITian का विज्ञान से आध्यात्म की ओर सफर, पढ़ें अभय सिंह की अद्भुत कहानी

हरियाणा : महाकुंभ 2025 के पवित्र अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक नाम चर्चा का केंद्र बन गया है आईआईटी बाबा अभय सिंह. यह नाम न केवल उनकी शिक्षा और उपलब्धियों के कारण अद्वितीय है, बल्कि उनके जीवन के उस निर्णय के कारण भी जो उन्हें मोह-माया के जाल से निकालकर आध्यात्मिकता के शिखर तक ले गया. करोड़ों की नौकरी और चमकदार भविष्य को त्यागकर साधु बनने का उनका सफर हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

झज्जर के छोटे से गांव से IIT बॉम्बे तक का सफर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा के झज्जर जिले के सासरौली गांव में जन्मे अभय सिंह साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. परिवार में अकेले बेटे अभय ने शुरू से ही शिक्षा में गहरी रुचि दिखाई. स्कूल के दिनों में वे हमेशा अव्वल रहे. उनकी कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें 2008 में आईआईटी बॉम्बे में दाखिला दिलाया, जहां उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की.

पढ़ाई के साथ दर्शनशास्त्र का गहरा लगाव
आईआईटी में रहते हुए अभय सिंह ने केवल विज्ञान की दुनिया तक ही अपने आपको सीमित नहीं रखा. तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ उन्हें दर्शनशास्त्र का भी गहरा अध्ययन करने का शौक था. सुकरात, प्लेटो और भारतीय दर्शन पर आधारित ग्रंथों ने उन्हें सोचने का एक नया दृष्टिकोण दिया. धीरे-धीरे उन्होंने महसूस किया कि जीवन के असली प्रश्न विज्ञान के दायरे से परे हैं.

विज्ञान से आध्यात्मिकता तक का मोड़
उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया किआईआईटी से पास होने के बाद अभय ने विदेशों में काम किया. करोड़ों की कमाई और नाम कमाने के बावजूद उनके मन में एक खालीपन महसूस होता रहा. 2021 में उन्होंने एक बड़ा कदम उठाया और कनाडा से लौटकर अपने जीवन को महादेव की भक्ति और साधना के लिए समर्पित कर दिया. उनका कहना है कि महादेव ने मुझे वह रास्ता दिखाया, जिसे मैं वर्षों से खोज रहा था.

महाकुंभ में आध्यात्मिक संदेश
महाकुंभ 2025 में साधु के रूप में अभय सिंह की उपस्थिति हर किसी के लिए चर्चा का विषय बनी. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अब मेरा जीवन पूरी तरह से शिव को समर्पित है. शिव ही सत्य हैं और शिव ही जीवन का मूल हैं. वे मानते हैं कि असली आनंद बाहरी सफलता में नहीं, बल्कि आत्मिक शांति में है.

अभय सिंह का संदेश: आत्मा की ओर यात्रा करें
अभय सिंह का जीवन केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि समूचे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है. वे कहते हैं कि हम जिस ईश्वर की बात करते हैं, वह केवल एक विचार नहीं है, बल्कि जीवन की सबसे गहरी सच्चाई है. आत्मा की यात्रा ही सच्चे ज्ञान और शांति का मार्ग है.

भौतिकवाद के युग में नई दिशा
अभय सिंह के विचार आज के भौतिकवादी समाज में एक नई दिशा प्रदान करते हैं. वे बताते हैं कि हमारी आंखें, हमारे विचार और हमारी ऊर्जा केवल माध्यम हैं, जो हमें ब्रह्मांड की विशालता को समझने में मदद करती हैं.

प्रेरणा की मिसाल
आईआईटी बाबा अभय सिंह का जीवन यह सिद्ध करता है कि असली सफलता केवल बाहरी उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आत्मिक संतोष में छिपी होती है. उनकी कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने जीवन के उद्देश्य को सही ढंग से समझ पाए हैं. महाकुंभ में उनकी साधु उपस्थिति हमें यह संदेश देती है कि आंतरिक शांति की खोज ही जीवन का असली लक्ष्य है. उनका साधु जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी आत्मा से जुड़ें और बाहरी दुनिया से परे जाकर सच्चे आनंद की खोज करें.

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