विनीत जिंदल को हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में "सर तन से जुदा की धमकी" मिली है, जिसको लेकर विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज करवाई है. बचा दें कि इससे पहले भी विनीत जिंदल को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. देखते हैं कि दिल्ली पुलिस इस मामले को लेकर क्या फैसला लेती है.
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दरअसल, इससे पहले भी विनीत जिंदल को देश-विदेशी के नंबरों से जान से मारने की धमकी मिली थी. उस वक्त भी विनीत जिंदल ने अजमेर दरगाह से जुड़े खादिम और अंजुमन कमेटी के सचिव अदील चिश्ती के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. विनीत जिंदल ने हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में अदील चिश्ती के खिलाफ शिकायत दी थी और मणिमकलि पर भी FIR दर्ज करवाई थी.
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आपको बता दें कि असंज्ञेय अपराध (Non Cognizable Offense) का मतलब होता है, ऐसे अपराध जिनमें किसी के साथ हुए मामूली झगड़े, गाली-गलौच या कोई दस्तावेज आदि खो जाने की शिकायत दर्ज कराई जाती है. शांति भंग करने के मामले भी इस गैर संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं. इस प्रकार के अपराध होने पर पीड़ित व्यक्ति पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने जाता है तो वहां पुलिस ऐसे मामले को FIR में दर्ज नहीं करती बल्कि इसके लिए NCR दर्ज कर ली जाती है.
इसमें सबसे अहम बात ये होती है कि FIR कोर्ट में पेश की जाती है, लेकिन NCR सिर्फ और सिर्फ पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड तक ही सीमित रहती है. दरअसल, यह इसलिए होता है कि किसी के साथ मामूली झगड़े या शांति भंग करने के मामले की जानकारी पुलिस को मिल जाए और उसे आरोपी को चेतावनी भी मिल जाए. यानी पुलिस के संज्ञान में आ जाए.
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ऐसे मामलों में अगर आरोपी दोबारा उसी तरह से मारपीट या लड़ाई करते हैं तो पुलिस NCR के बजाय FIR दर्ज कर जेल भी भेज देती है. पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने के बाद उन्हें तमाम कानूनी शक्तियां मिल जाती है, जिससे पुलिस बिना वॉरंट के गिरफ्तार कर सकती है, जबकि NCR दर्ज करने के बाद पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है.