Vasant Kunj Slums: जिस मां ने डॉग अटैक में खोए अपने दो बेटे, अब उसे सता रहा आसरा छिनने का डर
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Vasant Kunj Slums: जिस मां ने डॉग अटैक में खोए अपने दो बेटे, अब उसे सता रहा आसरा छिनने का डर

Vasant Kunj DDA Bulldozer Action: दिल्ली के वसंत कुंज के सिंधी कैंप झुग्गी में डीडीए का बुलडोजर पहुंचा है. जहां लोगों द्वारा झुग्गियों को तोड़ने की बात कही जा रही है वहीं डीडीए के गार्ड का कहना है कि यहां बाउंड्री वॉल बनाई जानी है. अब सवाल ये उठता है कि बाउंड्री बनाने के में बुलडोजर की क्या जरूरत हैं. 

Vasant Kunj Slums: जिस मां ने डॉग अटैक में खोए अपने दो बेटे, अब उसे सता रहा आसरा छिनने का डर

Vasant Kunj DDA Bulldozer Action: एक मां ने पहले अपने दो बच्चों को खोया और अब उसे उसके सिर से छत खोने का डर सता रहा है. हम बात कर रहे हैं वसंत कुंज के सिंधी कैंप की, जहां बीते दिनों में कुत्तों के काटने से दो सगे भाइयों की मौत हो गई थी. उसकी मां इसी कैंप में झुग्गी में रहती है, लेकिन मंगलवार को डीडीए का बुलडोजर इस कैंप में झुग्गी तोड़ने आया. मृतक बच्चों की मां का कहना है कि बुलडोजर उनके घर को तोड़ने के लिए आया था. अब वह घर टूटने के बाद कहां पर जाएंगी. वहीं मौके पर डीडीए का कोई अधिकारी तो नहीं था, लेकिन डीडीए के सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि यहां DDA बाउंड्री बनाने का काम चलेगा.

सुषमा ने अपने दो मासूम बच्चों को खोया है. सिंधी कैंप में जिन दो बच्चों को कुत्तों ने काट खाया था, सुषमा उन्हीं बच्चों की मां है. चंद दिनों पहले ही इसके दोनों बेटों की कुत्तों के कांटने से मौत हो गई थी. बेटों के बाद सिर से छत छिन जाने का डर सता रहा है. दरअसल, वसंत कुंज के सिंधी कैंप की झुग्गियां अवैध रूप से बना हुआ है. जहां यह लोग रहते हैं, लेकिन मंगलवार के दिन इस कैंप में डीडीए का बुलडोजर और कुछ मजदूर यहां आ गए. इस मां का आरोप है कि डीडीए के लोगों ने इससे इसका घर तोड़ने की बात कही थी. सुष्मा की झुग्गी की कल रात 2 बूजे बाउंड्री वॉल भी गिरा दी गई थी, जिसके बाद उसने पुलिस को भी सूचना दी. इस मामले पर पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. 

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वसंत कुंज के सिंधी कैंप में अवैध रूप से झुग्गी बनी हुई है और बीते कई सालों से है. इन जमीनों पर वक्त-वक्त पर अवैध रूप से कब्जा होता रहा है. हमारी मीडिया वहां पहुंची टीम जब मौके पर पहुंची तो डीडीए का कोई अधिकारी नहीं था. हां डीडीए का एक सरकारी सिक्योरिटी गार्ड जरूर था, जिससे हमने पूछा कि डीडीए यहां क्या करने आई है तो सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि यहां डीडीए की बाउंड्री बनाई जाएगी. वहीं जब पूछा गया कि बाउंड्री बनाने के लिए बुलडोजर की क्या जरूरत है और साथ ही जो कमरे बनाए जा रहे हैं उसको क्यों बनाया जा रहा है. इस सवाल पर डीडीए का गार्ड कैमरे से भागने लगा.

वहीं वहां काम करने आए मजदूर से बात की गई तो एक ने कहा कि यहां बाउंड्री बनाई जा रही है. वहीं दूसरे ने कहा कि यहां स्टोर रूम बनाया जा रहा है. ये स्टोर रूम सरकारी ठेकेदार के लिए बनाया जा रहा है. अब इसमें कौन कितना सच बोल रहा है तो प्रशासन के जांच होने के बाद ही पता चल पाएगा. 

जिस मां ने अपने दो बच्चे को खोया है उसके सर से अगर छत छीन जाए यह दर्द समझ में आता है, लेकिन अवैध तरीके से अगर सरकारी जमीनों का कब्जा हो रहा हो यह सरासर गलत है. फिलहाल इस जमीन पर किसी तरह का भी कोई काम रोक दिया गया है. अब देखना यह है कि क्या सच में डीडीए यहां पर सिर्फ बाउंड्री बनाने का काम कर रही है या फिर यहां अवैध तरीके से कमरे बनाकर जमीन कब्जा करने का काम हो रहा है. य

Input: मुकेश सिंह 

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