उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री पहुंचे करनाल, बॉर्डर रिस्ट्रीक्शन के लेकर कही ये बड़ी बात...
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उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री पहुंचे करनाल, बॉर्डर रिस्ट्रीक्शन के लेकर कही ये बड़ी बात...

आज करनाल में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप साही गेंहू अनुसंधान संस्थान केंद्र पहुंचे. यहां उन्होंने गेंहू की खेती और नई किस्मों को लेकर बैठक की. वहीं उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश गेहूं और जौं का उत्पादन हरियाणा और पंजाब से ज्यादा करता है.

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री पहुंचे करनाल, बॉर्डर रिस्ट्रीक्शन के लेकर कही ये बड़ी बात...

कमरजीत सिंह/करनाल: आज उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप साही करनाल स्थित गेंहू अनुसंधान संस्थान केंद्र पहुंचे. जहां उन्होंने पड़ोसी राज्य से मंत्री और अधिकारी संस्थान के विशेषज्ञों से गेंहू की खेती और नई किस्मों को लेकर बैठक की. प्रेस वार्ता के दौरान कृषि मंत्री से पूछा गया कि यूपी और हरियाणा में दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद फसल को हरियाणा में नहीं आने दिया जाता. इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि यूपी का धान हरियाणा में आने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है और न ही कोई बॉर्डर रिस्ट्रीक्शन है. पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बाजार का नियम लागू किया है कि कोई भी किसान अपनी फसल को किसी भी राज्य में जाकर बेच सकता है.

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पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश गेहूं और जौं का उत्पादन हरियाणा और पंजाब दोनों से ही ज्यादा करता है, लेकिन हमारी प्रोडक्टिविटी दोनों राज्यों से नीचे है. इसको कैसे इम्प्रूव करके अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाकर दोनों राज्यों के लेवल तक पहुंच सके. इसके अतिरिक्त मौसम के परिवर्तन से कैसे फसलों को बचाया जा सके. यह भी एक रिसर्च का विषय है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा पशुपालक राज्य है और करनाल में जो एनडीआरआई का सेंटर है उसका भी विजिट किया जाएगा. इसके अलावा यूपी गन्ना उत्पादन, गेहूं उत्पादन और फसल और सब्जियों के उत्पादन में नंबर एक पर है और किस तरह से क्वालिटी टू प्रोडक्शन की जाए, किस तरह से प्रोसेस हो और इसी को देखने के लिए वे अपने मंत्रियों के साथ यहां आए हैं. उन्होंने सांगल के शहद और शामगढ़ के पोटैटो उत्कृष्टता केंद्र का भी भ्रमण किया.

उन्होंने बताया कि आज विजिट के दौरान उन्होंने जो देखा है वह प्राकृतिक खेती पर आधारित है, जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो वर्षों के दौरान चर्चा में लिया है और यह तय किया है कि जमीन की गिरती हुई सेहत को देखते हुए ऑर्गेनिक कार्बन कैसे बढ़े और पोष्टिक उत्पादन कैसे हो, इन सभी विषयों में पर उन्होंने प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि सितंबर महीने में भारी बरसात के कारण उत्तर प्रदेश की फसलें प्रभावित हुई, लेकिन हरियाणा के गुरुकूल की फसलें बरसात से नहीं गिरी, जो अपने आप में एक आश्चर्य की बात है.

बरसात के कारण यमुना से सटे हरियाणा और यूपी में फसलों के नुकसान को लेकर पूछे गए सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नुकसान की भरपाई को लेकर निर्देश दिए है, जिसको लेकर सर्वेक्षण करवाया जा रहा है. उत्तराखंड, राजस्थान या मध्यप्रदेश की बरसात की वजह से लगभग 17 या 18 जिले प्रभावित हुए है. इन सभी का सर्वे करवाकर मुआवजा दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. 23 लाख किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंदर है, जिससे किसानों को मुआवजा दिया गया है और फसल कटाई के बाद जो रिजल्ट या उत्पादन सामने आता है तो भी सरकार इसकी भरपाई करेगी.

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