Sonipat News: सोनीपत जिले में अलग-अलग करीब 6 ब्लॉक के सफाई कर्मचारी जिला पंचायत अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. महिला कर्मचारी व पुरुष कर्मचारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनका वेतन जल्द से जल्द बढ़ाकर करीब 26000 करे.
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Sonipat News: स्थाई रोजगार और समान वेतन को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारी 10 अक्टूबर से हड़ताल पर बैठे हुए हैं. कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें बातचीत का न्योता नहीं दिया गया है. हालांकि महर्षि दयानंद वाल्मीकि जयंती पर सरकार ने कर्मचारियों का वेतन भत्ता और अन्य भत्ते को बढ़ाया, लेकिन इसको लेकर कर्मचारी अभी भी नाराज हैं. वहीं 3 नवंबर तक कर्मचारी हड़ताल पर बैठे रहने और उसके बाद पदाधिकारी के आगामी दिशा निर्देश पर हड़ताल को आगे बढ़ाने की बातचीत कर रहे हैं.
सोनीपत जिले में अलग-अलग करीब 6 ब्लॉक के सफाई कर्मचारी जिला पंचायत अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. महिला कर्मचारी व पुरुष कर्मचारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनका वेतन जल्द से जल्द बढ़ाकर करीब 26000 करे. कर्मचारियों का कहना है कि 17 साल से कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्र में सफाई को लेकर सफाई का काम करते आए हैं.
वहीं कोरोना काल के दौरान भी करोड़ों सफाई कर्मचारियों जान हथेलियों पर रखकर काम किया था, लेकिन सरकार उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं कर रही है, जिसको लेकर नाराज कर्मचारी अलग-अलग ब्लॉक में धरने पर बैठे हुए हैं.
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सफाई कर्मचारियों के समर्थन में उतरे सरपंच संगठन के पदाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगे जायज है. वह लंबे समय से गांव में सफाई करने का काम करते हैं. इसको लेकर उन्हें नाम मात्र ही वेतन दिया जाता है. पदाधिकारी ने बताया कि कर्मचारी हड़ताल पर जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी फैल रही है. सफाई कर्मचारी पंचायत का अहम हिस्सा होते हैं. वहीं ये समुदाय गरीब परिवार से आता है, जो सफाई करने का काम करते हैं. पदाधिकारी ने बताया कि दिवाली का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार है. संगठन की तरफ से मांग की जाती है कि प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों की मांगों को लेकर जल्द से जल्द कोई समाधान निकालें, ताकि त्योहार पर यह अपने घरों में जाकर या गांव क्षेत्र में जाकर सफाई का काम सुचारू रूप से कर सके.
राय ब्लॉक के बढ़मलिक गांव में तैनात सफाई कर्मचारी सोनी ने बताया कि उनके गांव की आबादी बहुत ज्यादा है और वह 17 साल से गांव में सफाई करने का काम करती है. आबादी के हिसाब से गांव में जो सफाई कर्मचारी की तैनाती होनी चाहिए वह नाम मात्र है. इसलिए उस काम को करने में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सरकार से मांग की जाती है कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए.
सोनीपत जिले में अलग-अलग ब्लॉक में 533 सफाई कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्र में तैनात हैं. सभी कर्मचारी सरकार के विरोध में धरने पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों को 17 साल काम करते हुए हो चुके हैं, लेकिन उन कर्मचारियों की कोई सरकार सुध नहीं ले ले रही है. उनकी मुख्य मांग है कि सफाई कर्मचारियों को पक्का किया जाए.
ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने पिछले हफ्ते अपनी मांगों का ज्ञापन भेजा था, जो जिला स्तर पर उनकी समस्याएं थी उनको दूर कर दिया गया था. वेतन संबंधित जो भी मांगे हैं. वह प्रदेश सरकार की तरफ से पूरी की जानी है. इस संबंध में दिए गए ज्ञापन को प्रदेश सरकार के पास भेजा जा चुका है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती बन चुके हैं. वहीं वह अपने स्तर पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कर रही है.
इनपुट: सुमित कुमार