Secret Agency: रूस से छिड़े झगड़े की जासूसी के लिए बनी IB, मंत्री-अफसर भी इनकी रडार में
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Secret Agency: रूस से छिड़े झगड़े की जासूसी के लिए बनी IB, मंत्री-अफसर भी इनकी रडार में

भारत में कई खुफिया एजेंसी हैं और जिनमें से एक आईबाी एजेंसी भी है. B की फुल फॉर्म Intelligence Bureau होती है. इसका काम भारत को आंतरिक खतरों से बचाने का होता है

Secret Agency: रूस से छिड़े झगड़े की जासूसी के लिए बनी IB, मंत्री-अफसर भी इनकी रडार में

Secret Agency: भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और ऐसे में इसकी सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. जो इस देश के खुफिया एजेंसियों पर है. देश का सुरक्षा बड़ा मुद्दा इसलिए हो जाता है क्योंकि सबसे बड़े दुश्मन हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन है. ये हमेशा ताक में रहते हैं कि देश आतंकवादी गतिविधियां हो. जिससे हमारा ध्यान विकास की ओर से हट जए और इन सब चीजों में ही रह जाएं.  इन सबको रोकने के लिए भारत में कई खुफिया एजेंसी हैं और आज हम आईबाी एजेंसी के बारे में बताएंगे कि आईबी क्या है, इसका मतलब क्या है. 

IB की फुल फॉर्म क्या है: IB की फुल फॉर्म Intelligence Bureau होती है. इसे हिंदी में खुफिया एजेंसी कहा जाता है. 

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Intelligence Bureau क्या है? 
IB भारत की एक खुफिया एजेंसी है जो भारत को आंतरिक खतरों से बचाती है. IB भारत में होने वाली आतंकवादी गतिविधियों पर अपनी नजर बनाए रखती है जिससे नागरिको को सुरक्षा प्रदान की जा सके. इसके साथ ही देश पर खतरे की जिम्मेदारी भी IB की होती है. इसका हेड क्वार्टर नई दिल्ली में है. जो कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है. IB का डाइरेक्टर आईपीएस होता है. 

कब और क्यों हुई स्थापना? 
1887 में अग्रेजी सरकार ने इस एजेंसी की स्थापना की थी. इसको रूस पर नजर रखने के लिए बनाया गया था क्योंकि उस समय ब्रिटेन का रूस के साथ संबंध खराब थे. लेकिन जब 1947 में भारत के आजाद होने के बाद गृह मंत्रालय ने IB का पूरा स्वरूप दोबारा से बदला और पुणे में इसकी स्थापना की गई. 

IB के प्रमुख काम 
-गुप्त जानकारियों को इकट्ठा करना. जिससे कि देश में किसी भी तरह की कोई आतंरवादी गतिविधि हो तो उससे पहले ही सरकार सतर्क हो जाए और तैयारी कर लें. 
-आतंकवाद के खिलाफ सतर्क रहे जिससे देश में आतंकवाद को रोका जा सके. 
-भारत जितने भी देशों के साथ अपनी सीमा शेयर करता है उन सब पर नजर रखना और बॉर्डर पर कोई हरकत हो तो इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करना. 
-पड़ोसी देशों में होने वाली खरतनाक गतिविधियों के मुद्दों को ट्रैक करना. 
-किसी भी तरह की एमरजेंसी से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना. 

 बजट को भी सुरक्षित रखता है IB 
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के पर IB कड़ी निगरानी करता है. जिससे कि बजट में तैयार होने वाली योजनाओं के बारे में किसी को पता न चल सके. अधिकारी जितने दिन तक बजट बनाते है उतने दिन वे अपने परीजनों से बात नहीं कर सकते हैं और इस वजह से IB उनका फोन ट्रैक करता है. 

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