Qutub Minar: पूजा की इजाजत पर कोर्ट ने टाला फैसला, इधर हुआ हनुमान चालीसा का पाठ
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Qutub Minar: पूजा की इजाजत पर कोर्ट ने टाला फैसला, इधर हुआ हनुमान चालीसा का पाठ

महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह ने कुतुबमीनार में एक बार फिर से हनुमान चालीसा का पाठ किया. उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं और जैनियों के 27 मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है. आज भी यहां पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विद्वमान है. लिहाजा यहां पर हिंदू रीति रिवाज के तहत पूजा पाठ करने की इजाजत मिलनी चाहिए.

Qutub Minar: पूजा की इजाजत पर कोर्ट ने टाला फैसला, इधर हुआ हनुमान चालीसा का पाठ

बलराम पाण्डेय/नई दिल्लीः महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह ने कुतुबमीनार में एक बार फिर से हनुमान चालीसा का पाठ किया. उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं और जैनियों के 27 मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है. आज भी यहां पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विद्वमान है. लिहाजा यहां पर हिंदू रीति रिवाज के तहत पूजा पाठ करने की इजाजत मिलनी चाहिए.

बता दें आज दिल्ली के साकेत कोर्ट में कुतुबमीनार को लेकर फैसल आना था, लेकिन इसी मामले पर नई याचिका दायर होने की वजह से आने वाले फैसले को टाल दिया गया है और अब 24 अगस्त को इस मामले में सुनवाई होगी. लेकिन, जिस तरह से महाराणा प्रताप सेना ने कुतुब मीनार के अंदर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया वो काफी वायरल हो रहा है.

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इससे स्पष्ट हो जाता है कि कुछ संगठन इस मामले को ठंडा होने नहीं देना चाहते. कोर्ट ने इस मामले में कहा कि कोर्ट में एक नई एप्लीकेशन का फैसला होने तक जजमेंट नहीं आएगा. कुतुब मीनार मसले पर साकेत कोर्ट में नई अर्जी दाखिल करने का हिंदू पक्ष समेत ASI ने विरोध किया. कोर्ट में दोनो पक्षों ने कहा कि नई अर्जी दाखिल करने के पीछे मामले में देरी करने का आधार है.

नई अर्जी में कहा गया है कि याचिकाकर्ता महेन्द्र ध्वज प्रसाद सिंह तत्कालीन आगरा प्रांत के वारिस हैं और उस लिहाज से दक्षिणी दिल्ली के जमीन के भी वारिस हैं और यह मीनार उसी जमीन पर बनी हुई है, लिहाजा इनका पक्ष भी सुना जाना जरूरी है. बता दें कि कोर्ट में दायर हिंदू संगठन की याचिका में यह दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में स्थित मस्जिद का निर्माण 27 हिंदू-जैन मंदिरों को तोड़कर किया गया था और वहां अभी भी देवी देवताओं की कई मूर्तियां हैं. इसलिए पूजा का अधिकार मिलना चाहिए.

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जानें, क्या पूरा मामला

आपको बता दें कि दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवताओं की पुर्नस्थापना और पूजा अर्चना का अधिकार मांगे जाने वाली याचिका पर 24 मई को साकेत कोर्ट में आज यानी गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन इस याचिका को सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया गया था. तो वहीं, हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में पेश हुए हरिशंकर जैन ने अयोध्या के राम मंदिर मसले का जिक्र कर कुतुब मीनार में पूजा की इजाजत मांगी थी, जबकि ASI ने याचिका का विरोध किया और खारिज करने की मांग की.

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