Pragati Maidan: अतिक्रमण रोधी अभियान में 50 से ज्यादा झुग्गियां ध्वस्त, बेघर लोगों को सता रही बच्चों के भविष्य की फिक्र
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1721014

Pragati Maidan: अतिक्रमण रोधी अभियान में 50 से ज्यादा झुग्गियां ध्वस्त, बेघर लोगों को सता रही बच्चों के भविष्य की फिक्र

Pragati Maidan Demolished: दिल्ली के प्रगति मैदान में लोगों के सामने ही उनके आशियानों को उजाड़ दिया गया. बेघर हुए लोगों को अब अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. मध्य दिल्ली के प्रगति मैदान के पास स्थित 55 से अधिक झुग्गियों को अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत ध्वस्त कर दिया. 

Pragati Maidan: अतिक्रमण रोधी अभियान में 50 से ज्यादा झुग्गियां ध्वस्त, बेघर लोगों को सता रही बच्चों के भविष्य की फिक्र

Pragati Maidan Demolished: दिल्ली में बीते गुरुवार तड़के जब पूरा शहर सोया हुआ था तब प्रगति मैदान के समीप एक झुग्गी बस्ती के निवासियों की नींद जेसीबी मशीनों की आवाज से टूट गई और लोगों के सामने ही उनके आशियानों को उजाड़ दिया गया. बेघर हुए लोगों को अब अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. मध्य दिल्ली के प्रगति मैदान के पास स्थित 55 से अधिक झुग्गियों को अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत गुरुवार को ध्वस्त कर दिया, जिसके चलते 40 से अधिक परिवार बेघर हो गए.

चार बच्चों की मां पिंकी ने कहा कि वह अपनी 18 वर्षीय बेटी के भविष्य को लेकर परेशान है. पिंकी ने कहा कि उसने किसी तरह पैसे जुटाकर अपनी बेटी को छात्रावास भेजा था, लेकिन अब उनकी बेटी शायद अपनी पढ़ाई पूरी न कर पाए क्योंकि अतिक्रमण रोधी अभियान में उनका घर ही ढह गया है. पिंकी ने कहा कि इस ध्वस्तीकरण से मेरी आजीविका पर असर पड़ा है. प्राधिकारियों को अमीरों की फिक्र ज्यादा है. उन्हें हमारे जैसे गरीब लोगों की कोई परवाह नहीं है.

ये भी पढ़ेंः Delhi Ordinance: केजरीवाल ने एमके स्टालिन से अध्यादेश के मुद्दे पर मांगा समर्थन, कांग्रेस से मुलाकात के लिए भेजा संदेश

अपना सामान बटोरने के लिए मलबे के ढेर से गुजरते हुए झुग्गीवासियों ने आरोप लगाया कि वे सरकार से उन्हें पांच किलोमीटर के दायरे में कहीं भी वैकल्पिक आवास आवंटित करने की मांग कर रहे थे. दो लड़कियों की मां गीता ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है क्योंकि परिवार की प्राथमिकता अब अपने लिए छत ढूंढने की है. गीता ने कहा कि मुझे चिंता है कि मैं अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाऊंगी. इस अभियान में पिछले नौ साल से एक एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा अस्थायी स्कूल भी ढहा दिया गया है. एनजीओ की प्रमुख नीतू सिंह ने आरोप लगाया कि उन्हें स्कूल गिराने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया.

(इनपुटः भाषा)