हैरान करने वाले हैं Dog Bites के आंकड़े, 3 साल में 1.5 करोड़ लोगों को बनाया शिकार
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हैरान करने वाले हैं Dog Bites के आंकड़े, 3 साल में 1.5 करोड़ लोगों को बनाया शिकार

संसद में दी गई एक जानकारी के अनुसार साल 2019-2022 के बीच करीब 1.5 करोड़ लोग जानवरों के काटने का शिकार हुए हैं. दुनिया में रेबीज से होने वाली मौत के आकड़ों में भी देश पहले नंबर पर है. पिछले कुछ दिनों में कुत्तों के काटने के मामले तेजी से बढ़े हैं. 

हैरान करने वाले हैं Dog Bites के आंकड़े, 3 साल में 1.5 करोड़ लोगों को बनाया शिकार

आरती राय/नई दिल्ली: हमेशा से ही पालतू जानवरों में कुत्ते लोगो की पहली पसंद रहे है. इन्हें सबसे ज्यादा वफादार माना जाता है, इसके साथ ही सुरक्षा के कारणों से भी लोग कुत्तों को पालते हैं. बदलते वक्त के साथ कुत्ते पालना शान-शौकत में जुड़ गया है, लोग अलग-अलग तरह के कुत्ते पालते हैं, जो कई बार हिंसक भी हो जाते हैं. पिछले कुछ दिनों में ऐसी ही कई वारदात सामने आईं हैं, जहां पालतू कुत्तों ने लोगों को अपना शिकार बना लिया. 

3 साल में 1.5 करोड़ लोग हुए शिकार
संसद में दी गई एक जानकारी के अनुसार साल 2019-2022 के बीच करीब 1.5 करोड़ लोग जानवरों के काटने का शिकार हुए हैं. इसमें सबसे ज्यादा मामले साल 2019 में सामने आए है. साल 2019 में करीब 72.77 लाख लोग जानवरों का शिकार हुए. 2020 में ये आकड़ा 46.33 लाख और 2021 में 17 लाख रहा. साल 2022 के शुरुआत के 7 महीनों में 14.50 लाख लोग जानवरों का शिकार हो चुके हैं. 

सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, ओडिशा , महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में आवारा कुत्ते पाए जाते हैं. जबकि इस साल जानवरों के काटने के सबसे ज्यादा मामले तमिलनाडु और महाराष्ट्र से सामने आए हैं.

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WHO के आकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा रेबीज से मौतें भारत में होती है. भारत में हर साल 18-20 हजार मौते रेबीज से होती हैं, जो विश्व में होने वाली मौतों का 36 फीसदी है. रेबीज के 99 फीसदी केस कुत्तों के काटने की वजह से होते हैं. रेबीज से होने वाली मौत के आकड़ों में 30-60 फीसदी 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं. 

देश में कुत्तों के काटने पर घायल या मौत होने पर किसी भी तरह का कोई कानून नहीं है. केरल एक ऐसा राज्य है जहां पर मुआवजा तय करने के लिए एक कमेटी का गठन हुआ है.

पिटबुल
पिट बॉल शब्द अमेरिका में  बुलडॉग और टेरियर्स के वंशजों की नस्ल के कुत्तों को कहा जाता है. यूके जैसे दूसरे देशों में इसे अमेरिकन पिटबुल टेरियर यानि एपीबीटी नाम से जाना जाता है. अमेरिकी पिटबुल,  टेरियर बुलडॉग की एक नस्ल और टेरियर कुत्तों के hybridization से पैदा होने वाला एक ऐसा ब्रीड है, जिसमे टेरियर की फुर्ती, बुलडॉग की शक्ति और खेलकूद क्षमता सबसे ज्यादा है. शुरुआत में इन कुत्तों को इंग्लैंड में ही पैदा किया और पाला जाता था. 

पहली बार 18470 में ब्रिटिश देशों से अमेरिका में अप्रवासी नागरिकों के साथ इन्हें लाया गया. पिटबुल नस्ल के कुत्ते सामान्य कुत्तों से मजबूत माने जाते हैं. ये बहुत एक्टिव और मजबूत जबड़े वाले होते हैं. साहसी, निडर और लड़ाकू होने की वजह से दुनिया में कई देशों में इन्हें डॉगफाइटिंग खेल के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है.

पिटबुल की शारीरिक बनावट की वजह से इन्हें गुस्सैल, खतरनाक और आक्रामक डॉग के रूप मैं जाना जाता है. यही वजह है कि ज्यादातर लोग सुरक्षा के लिए इन्हें पालना पसंद करते हैं. 

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पिटबुल के अलावा ये कुत्ते भी हैं खतरनाक
पिटबुल के अलावा रॉट वेल्लर, साइबेरियाई हस्की, वोल्फ हाइब्रिड, डाबरमैन पिन्स्चर और जर्मन शेफर्ड भी काफी खतरनाक माने जाते हैं. इनके अटैक से कई बार लोगों की मौत तक हो जाती है. फिर भी लोग मोटी रकम दे कर इन्हें खरीदते हैं.

पालतू कुत्तों को लेकर क्या कहता है देश का कानून
1. अगर आप हाउसिंग सोसायटी या रेजिडेंशियल एरिया में रहते है तो कुत्ते, बिल्ली या कोई भी पालतू पशु रख सकते हैं.
2. सोसायटी अगर इस पर रोक लगाती है तो आप इसके खिलाफ कानून की मदद ले सकते हैं. 
3. अगर कोई सोसाइटी आपको पालतू जानवरों को हटाने के लिए बाध्य करती है तो आप सेक्शन 11 Pet Laws के तहत केस कर सकते हैं. 
4. भारतीय कानून का सेक्शन 51(A)g कहता है कि सभी नागरिकों का कर्तव्य है वह सभी जीवित प्राणियों के प्रति अच्छा व्यवहार रखें.

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