Bakrid 2022 : ईद को मनाने के लिए पुरानी दिल्ली में तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही है. मेहमानों को दावत देने के लिए लोगों ने जमकर खरीदारी की. हर साल दिल्ली और आसपास के जिलों के लोग यहां अपने पशुओं को बिक्री के लिए लाते हैं.
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नई दिल्ली : Bakrid 2022 : अगर आप पशु पालक हैं या फिर नॉनवेज की दावतों के शौकीन हैं तो आप उसे खरीदने के लिए कितना खर्च कर सकते हैं. अगर हम कहें कि लोग सिर्फ बकरे को खरीदने के लिए एक महंगी लग्जरी ऑडी कार से भी ज्यादा खर्च कर देते हैं या कर सकते हैं तो यह जानकार चौंकिएगा मत.
कोरोना की वजह से दो साल तक शांत रहा दिल्ली के प्रसिद्ध मीना बाजार शनिवार को एक बार फिर गुलजार दिखा. ईद से एक दिन पहले दिल्ली-एनसीआर के लोग बिक्री के लिए सैकड़ों बकरे लाए. इस दौरान यहां पहुंचे लोगों को चमेली और गुलाब से सजे-संवरे और महंगे कपड़े पहने तीन 'दुर्लभ' बकरों ने काफी आकर्षित किया.
बाजार में घुसते ही बरबस ही लोगों का ध्यान उनकी ओर जा रहा था. इसकी एक वजह उनकी 6 अंकों की कीमत भी रही. इनके मालिकों ने इतने ज्यादा दाम का कारण बताते हुए दावा है उनके बकरों पर दो पवित्र शब्द 'मुहम्मद' और 'अल्लाह' अंकित हैं. उनमें से दो की उम्र एक-एक और तीसरे की उम्र दो साल है.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आए गुड्डू (35) ने खाल पर अपने आप उभरकर आए 'मुहम्मद' और 'अल्लाह' लिखे अपने बकरे की कीमत 30 लाख रुपये रखी है. पशु मेले में उनके भाई और भतीजे के दो बकरे भी लाए गए हैं. जिन्होंने प्रत्येक की कीमत 15 लाख रुपये तय की है.
पिछले साल 12 लाख में बेचा था बकरा
गुड्डू के भतीजे अखिल खान की 11 जुलाई को शादी होनी है, लेकिन वह अपने शहर से 100 किलोमीटर दूर पुरानी दिल्ली के प्रसिद्ध बाजार में आने से खुद को रोक नहीं पाया. अखिल के मुताबिक उसने अपने बकरे को एक साल से अधिक समय तक पाला. उसे यकीन है कि बकरे की खूबियों की वजह से उसे उसकी तय की गई 15 लाख रुपये की कीमत मिल जाएगी. अखिल ने बताया कि पिछले साल भी उसने 12 लाख रुपये में एक बकरी बेची थी.
दावा किया कि कल मीना बाजार में एक बकरा 35 लाख रुपये में बिका था.
मेले में लगाए गए हैं 100 टेंट
कोरोना के दो साल बाद लगे मेले में मीना बाजार के दोनों ओर उर्दू पार्क और हौज में करीब 100 टेंट लगाए गए हैं. इस दौरान यह पूछे जाने पर कि बकरों की कीमतें कैसे तय की जाती हैं, इस पर हरियाणा के सोनीपत जिले से आए सनी सरोहा (21) ने कहा कि यह जानवर की विशेषताओं - वजन, रूप और ऊंचाई पर निर्भर करता है. इसके अलावा अगर उनके पशुओं पर तारे या अर्धचंद्र जैसा चिह्न दिखता है तो भी वह महंगे दाम पर आसानी से बिक जाते हैं.
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