Eid 2024 Namaz: 1600 एकड़ जमीन के बकाय मुआवजे को लेकर बीते फरवरी से किसान धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों की मांग पर अभी तक प्रदेश सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है. इससे नाराज किसान अब ईद के पर्व पर होने वाली नमाज को हाथों पर काली पट्टी बांधकर अदा करेंगे.
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Nuh News: नूंह जिला के आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की अधिग्रहण की गई 1600 एकड़ जमीन के बकाय मुआवजे को लेकर बीते फरवरी से किसान धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों की मांग पर अभी तक प्रदेश सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है. इससे नाराज किसान अब ईद के पर्व पर होने वाली नमाज को हाथों पर काली पट्टी बांधकर अदा करेंगे. इसके बाद किसान आईएमटी रोजकामेव में विशाल महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.
इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, रवि आजाद समेत अन्य नेता शिरकत करेंगे. सोमवार को धरनास्थल पर बैठे किसानों ने बताया कि गांव धीरधौका में उनका अनिश्चितकालीन धरना फरवरी महीने से जारी है, लेकिन अभी तक किसानों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया था. उस समय कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनको दिल्ली बुलाकर फटकार लगाई थी. जोकि अभी तक उनके जहन में हैं. वहीं अब भाजपा सरकार भी कांग्रेस के पदचिन्हों पर चल रही हैं. किसानों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.
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बता दें कि साल 2010 में आईएमटी रोजकामेव के लिए 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी. आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरधुका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसान अनिश्चितकालीन धरना पर हैं. किसान कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती धरना जारी रहेगा.
उन्होंने कह कि किसनों की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है. उनकी मुख्य मांगों में फरीदाबाद के चंदावली गांव की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए. किसानों को प्लाट दी जाए. आईएमटी सोहना की जगह नाम को आईएमटी रोजकामेव लिखा जाएा. उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि ईद के बाद वह पूरी तरह से सडकों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने मांग की एक देश एक प्रदेश के बावजूद उनके यहां पर किसानों की अधिग्रहण जमीन का पूरा मुआवजा नहीं दिया गया. जबकि प्रदेश के अन्य जगहों पर मुआवजा करोड़ों में दिया गया था. अब सरकार के खिलाफ मांग पूरी नहीं करने पर आरपार की लड़ाई की जाएगी. इसके लिए सभी नौ गांवों में जाकर संपर्क किया जा रहा है. जल्द ही वह बड़ा फैसला लेंगे.
Input: Anil Mohania