भारत में कर्मचारी लगातार कई घंटे डेस्क पर बितते हैं. "इसे ध्यान में रखते हुए, आईटी परिसरों में जिम, रेस्तरां, खेल के मैदान और यहां तक कि छोटे पार्क भी हैं.
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नोएडा: इस नए साल नोएडा को नई सौगात मिलने वाली है, जिम, रेस्तरां और स्पोर्ट्स क्लब के साथ-साथ नोएडा में IT और ITeS पार्क अब कर्मचारियों के लिए बार भी संचालित कर सकते हैं. ऐसे कंपनियों में जहां रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत है वहां बार के लिए अब तक इजाजत नहीं दी गई थी. नोएडा प्राधिकरण की 208वीं बोर्ड बैठक में इस नीति को पास कर दिया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि ये फैसला कई कंपनियों (IT/ITeS) द्वारा शराब बार संचालित करने के लिए प्राधिकरण से अनुरोध करने के बाद लिया गया, जिसमें कहा गया था कि दुनियाभर की आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए बार संचालित करने की अनुमति है.
विदेशों के कई प्रतिष्ठानों ने किया था आवेदन
आईटी पार्क चलाने वाली कई संस्थाओं ने बार और रेस्टोरेंट चलाने की अनुमति के लिए प्राधिकरण को आवेदन दिया है. कंपनियों ने कहा कि चौबीसों घंटे काम करने वाले आईटी पार्कों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है. उनके कर्मचारी भारत और विदेशों में ग्राहकों के लिए काम करते हैं और लगातार कई घंटे उनके डेस्क पर बितते हैं. कई बार काम का यह माहौल उनके लिए एकरसता का कारण बन जाता है. "इसे ध्यान में रखते हुए, आईटी परिसरों में जिम, रेस्तरां, खेल के मैदान और यहां तक कि छोटे पार्क भी हैं. विदेशों के कई प्रतिष्ठित आईटी ग्राहकों ने सुझाव दिया कि आईटी पार्कों के रेस्तरां में भी बार की सुविधा होनी चाहिए.''
अभी तक मिलती है 18 सुविधाएं
वेटिंग और ट्रांजिस्ट एरिया, पब्लिक यूटिलिटी, ट्रेवल सर्विस, टेलीफोन एक्सचेंज, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, वाटर वर्कस, एक्सपोर्ट रिलेटड सुविधा, कैंटीन और रेस्टोरेंट, क्रेंच और डे केयर सेंटर, ट्रेनिंग सेंटर और लाइब्रेररी, हेल्थ क्लब जिम, गेम्स, बेकिंग और फिनेंशियल सर्विस, बिजनेस और फिनेंशियल सर्विस, कांफ्रेंस सुविधा, शॉपस और ओपन ईटिंग क्योस्क शामिल है. इसमें कैंटीन और रेस्टोरेंट में बार को एड कर दिया गया है.
20 हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंडों पर लागू
नोएडा में करीब 18 ऐसे आईटी/आईटीईएस भूखंड है जो 20 हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंड है. इन पर आईटी पार्क बने हुए है. यहां चल रहे कैंटीन और रेस्टोरेंट में बार खोला जा सकता है. हालांकि, इसके लिए उन्हें बार लाइसेंस के सभी गाइडलाइन का पालन करना होगा, जिसमें उनके पास करीब 1 हजार वर्गमीटर का एरिया होना जरुरी है. वहीं दो से तीन और भूखंड है जिनकी योजना चल रही है.
लाइसेंस दिया जाए या नहीं जिला मजिस्ट्रेट देंगे अनुमति
गौतमबुद्ध नगर के आबकारी अधिकारी आरबी सिंह ने कहा कि “मौजूदा रेस्तरां में बार की अनुमति देना नोएडा प्राधिकरण का एक अच्छा कदम है. यह अब एक वर्जित विषय नहीं है और गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसी जगहों पर पहले से ही उनके आईटी हब में बार की अनुमति है. नोएडा में आईटी और आईटीईएस प्लॉट में कई रेस्तरां हैं और वे बार लाइसेंस चाहते हैं, लेकिन प्राधिकरण के प्रतिबंधों के कारण, हम उन्हें अनुमति नहीं दे सके.
लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, सिंह ने कहा कि अंतिम निर्णय जिला शराब बार समिति द्वारा लिया जाता है, जिसके अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट होते हैं, जबकि प्राधिकरण, पुलिस और आबकारी के अधिकारी इसके सदस्य होते हैं.