ग्रामीण इलाके लोगों को डर के साए में रहना पड़ रहा हैं, क्योंकि इन इलाकों में तेंदुए घूम रहा है. तेंदुए के डर से लोगो ने खेतों में गांव के बाहर घूमना बंद कर दिया. लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि गलियों में आवारा कुत्ते भी इंसानों को काट रहे हैं.
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दिल्ली के बुराड़ी मुखमेलपुर , जिंदपुर इलाके में जंगली जानवरों का आतंक इस कदर है कि गलियों में आवारा कुत्ते ,घर की छतों पर जंगली बंदर वह गांव मे तेंदुए का खौफ बना हुआ है. इसी के चलते मुखमेल पुर , जींद पुर में रहने वाले लोग अब अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं. आवारा बंदरों ने तो दर्जनों बच्चों व बुजुर्ग महिलाओं को गंभीर रूप से घायल कर दिया. एक महिला के शरीर से मांस ही अलग कर दिया है, जिसके चलते अब लोग डर के साय में जी रहे हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए.
वहीं इस गांव में तेंदुआ देखे जाने की खबरें लगातार आ रही है. उसे लेकर वन विभाग भी सक्रिय है, क्योकि ग्रामीण इलाके में तेंदुए घूम रहा है. तेंदुए के डर से लोगो ने खेतों और गांव के बाहर घूमना बंद कर दिया. अभी समस्या यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि गलियों में आवारा कुत्ते इंसानों को काट रहे हैं. घरों में बंद रहने के बावजूद जंगली बंदर मासूम बच्चे और महिलाओं को निशाना बना रहे हैं. यदि यह लोग अपने घरों की छत पर भी जाते हैं तो छतों पर घूमने वाले जंगली बंदर तुरंत छत पर घूमने वाले महिला, बुजुर्ग और बच्चों पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर देते हैं.
गांव में बंदरों का आतंक इस कदर जारी है कि अब ज्यादातर अभिभावको ने अपने बच्चों को स्कूल व आंगनबाड़ी में भेजना भी बंद कर दिया है. आंगनबाड़ी कर्मचारी महिला सुमन ने बताया कि पहले आंगनवाड़ी में छोटे मासूम दर्जनों बच्चे पढ़ने आते थे, लेकिन अब बंदरों के खौफ के चलते उन्होंने आंगनबाड़ियों में आना बंद कर दिया है. अभिभावक अपने ही घरों में अपने बच्चो के रखना महफूज समझ रहे हैं. बंदरो के चलते अब आंगनवाड़ी वर्कर भी डरी हुई है.क्योंकि आंगनवाड़ी में ही मासूम बच्चे पढ़ने आते हैं और किसी शरारती बंदर ने बढ़ने वाले बच्चों में से किसी को काट लिया तो जवाबदेहि भी आंगनवाड़ी वर्कर की ही होगी.
Input: Nasim Ahmad