राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा है कि सिसोदिया शाम 6 से 7 के बीच आधे घंटे के लिए अपने वकीलों से मिल सकेंगे. इस दौरान CBI अफसर इतनी दूरी पर होंगे कि बातचीत न सुन पाएं. हर दिन पत्नी से भी 15 मिनट मिल पाएंगे.
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नई दिल्ली : दिल्ली में कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई जांच के तरीके को आज सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. उन्होंने कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई की मांग की. सिसोदिया की तरफ से पेश वकील की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार दिया और उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी.
इससे पहले राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत बताई है. कोर्ट ने पुलिस को 4 मार्च तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है. इसके पीछे सीबीआई ने कोर्ट में दलील दी कि दो बार सिसोदिया पूछताछ में शामिल हुए, लेकिन पूछताछ के दौरान जांच अधिकारियों के सवालों के संतोषजनक जवाब मनीष सिसोदिया नहीं दिए. उनके खिलाफ जो सबूत मिले हैं, उनको लेकर भी कोई तर्कसंगत जवाब उन्होंने नहीं दिया. सिसोदिया के अधीनस्थ लोगों ने पूछताछ के दौरान ऐसे तथ्य उजागर किए हैं जो उनके खिलाफ जाते हैं. उनके खिलाफ कुछ दस्तावेजी सबूत मिले हैं. जांच के लिए जरूरी है कि इन सबको लेकर सही जवाब जांच अधिकारियों को मिले, इसलिए कस्टडी में लेकर पूछताछ करना जरूरी है.
48 घंटे में मेडिकल चेकअप
पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री / जबर्दस्ती की आशंका के मद्देनजर कोर्ट ने कहा, कोर्ट सीबीआई के अधिकारियों से ऐसी अपेक्षा नहीं रखता, जिन्हें डिप्टी CM जैसे उच्चपदस्थ शख्स से पूछताछ का जिम्मा दिया गया हो. पूछताछ ऐसी जगह होगी, जहां CCTV कवरेज हो. CBI इस फुटेज को संभालकर रखेगी. इसके अलावा हर 48 घंटे में एक बार सिसोदिया का मेडिकल चेकअप कराना होगा. सिसोदिया शाम 6 से 7 के बीच आधे घंटे के लिए अपने वकीलों से मिल सकेंगे. इस दौरान CBI अफसर इतनी दूरी पर होंगे कि बातचीत न सुन पाएं. हर दिन पत्नी से भी 15 मिनट मिल पाएंगे.
लॉकअप में CCTV और गेट पर CISF तैनात
CBI सूत्रों के मुताबिक सिसोदिया को CBI मुख्यालय के बेसमेंट में बनी लॉकअप में रखा गया है, जिसमें CCTV लगा हुआ है. CISF का एक स्टाफ लॉकअप के गेट पर 24 घंटे मुस्तैद रहता है. अमूमन सीबीआई जब किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है तो उस आरोपी को शाम 7 से 8 बजे तक लॉकअप में भेजने के बाद डिनर दे दिया जाता है. इसमें दाल, रोटी और सब्जी होती है. इस खाने को लॉकअप में रख दिया जाता है. जब आरोपी का मन होता है, वो खा लेता है. अक्सर आरोपी को रात 8 बजे के बाद लॉकअप में भेज दिया जाता है. अगर जरूरत पड़ती है तो आरोपी से रात में 8 बजे के बाद भी पूछताछ की जा सकती है. इसके लिए आरोपी को लॉकअप से निकालने के बाद रूम में ले जाकर केस का IO पूछताछ करता है.
लॉकअप में कोई बेड नहीं
CBI की लॉकअप में कोई बेड नहीं है. जमीन पर ही आरोपी सोता है. उसे अगली सुबह 7 बजे उठाया जाता है. 8 बजे नाश्ता में चाय, बिस्कुट, ब्रेड दिया जाता है. मेडिकल करने से पहले लंच दिया जाता है.
इनपुट : अरविंद सिंह, नीरज