मेट्रोमोनियल साइट के जरिये ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली में एक विधवा महिला मेट्रोमोनियल साइट के जरीये अपमना जीवन साथी चुन रही थी, लेकिन उसे वहां से एक फरोड साथी मिल गया, जिसने महीला से 34 लाख रुपये ठग लिए.
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ओपी शुक्ला/नई दिल्ली: दिल्ली साइबर सेल पुलिस ने एक महिला समेत दो नेपाली युवकों को लगभग 34.88 लाख रुपये कि ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों ने एक विधवा महिला से मेट्रोमोनियल साइट के जरिये संपर्क करके उसे शादी का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने आरोपियों के पास से 40 हजार रुपये, 4 मोबाइल और 5 बैंक पासबुक और चेक बुक बरामद की है.
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अगर आप अपनी या किसी की शादी के लिए मेट्रोमोनियल वेब साइटों का प्रयोग कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. अब जो मामले की जानकारी हम आपको दे रहे हैं, उसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. मामला आउटर दिल्ली इलाके का है, जहां पर मेट्रोमोनियल साइट पर विधवा महिला से दोस्ती कर शादी का झांसा देकर लगभग 34 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. शिकायत मिलने के बाद बाहरी जिला साइबर सेल ने मामले की छानबीन करते हुए एक महिला समेत 2 नेपाली नागरिकों को गिरफ्तार किया है. वहीं आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 40 हजार रुपये, चार मोबाइल फोन, बैंको की पांच पासबुक और चेक बुक बरामद की है.
पुलिस के अनुसार पश्चिम विहार की रहने वाली 37 वर्षीय महिला ने 13 जुलाई को बाहरी जिला साइबर सेल में ठगी की शिकायत की. इसमें महिला ने बताया कि वह विधवा है और मेट्रोमोनियल साइट जीवन साथी डॉट कॉम (jeevensathi.com) पर अपना एक प्रोफाइल बनाया था. इसके बाद वह साइट के जरिये डॉ. नरेश एंड्रयूज नाम के व्यक्ति के संपर्क में आई. उसने बताया कि वह विदेश में रहता था. उसने उसे मैसेज किया और फिर दोनों चैटिंग करने लगे. दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए तैयार थे, जहां नरेश एंड्रयूज ने पीड़िता को जानने और उससे शादी करने के लिए भारत आकर मिलने की बात कही. ऐसे में अचानक एक दिन आरोपी ने बताया कि वह मुंबई एयरपोर्ट पहुंच गया है, लेकिन उसके पास कीमती गिफ्ट होने की वजह से कस्टम वालों ने उसे पकड़ लिया है. इसके बाद एक महिला ने खुद को कस्टम अधिकारी बताकर महिला से कई किस्तो में 34.88 लाख रुपये एक बैंक खाते में डलवा लिए.
इसके बाद ठगी का अहसास होने पर पीड़िता ने साइबर सेल में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने जीवन साथी डॉट कॉम पर दर्ज नरेश नाम के प्रोफाइल के जरिए इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों के सीडीआर निकालकर उसका विश्लेषण किया. साथ ही पुलिस ने उस बैंक खाते की जांच की, जिसमें पैसे जमा किए गए थे. यह खाता द्वारका सेक्टर 12 स्थित एसबीआई बैंक का था और ओमस गुरंग के नाम से था. वहीं एटीएम से पैसे निकालते हुए आरोपी का फोटो हासिल कर लिया गया. इसके बाद फोन की तकनीकी जांच कर आरोपी को विश्वास पार्क और उसकी महिला साथी रेणुका को रामफल चौक से गिरफ्तार कर लिया. इनके खिलाफ जांच में पता लगा कि इन दोनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में भी ठगी का मामला दर्ज है.
रेणुका ने बताया कि वह नेपाल की रहने वाली है. 6 साल पहले वह दिल्ली आई थी. इसके बाद वह नवादा के एक टूर एंड ट्रैवल्स के कार्यालय में काम करने लगी. यहां उसकी मुलाकात एक नाइजीरियाई युवक जॉन से हुई. जॉन ने उसे साइबर ठगी के बारे में बताया. इसके बाद उसने मेट्रोमोनियल साइट पर एक फर्जी प्रोफाइल बनाकर अपने साथी के साथ ठगी करने लगी. वारदात को अंजाम देकर ठगी की रकम को तीनों आपस में बांट लेते थे. वहीं अब पुलिस फरार आरोपी जॉन की तलाश कर रही है.