Delhi Assembly Election 2025: भा.ज.पा. ने इस बार ब्राह्मण समुदाय को आकर्षित करने के लिए बजरंग शुक्ला को टिकट दिया है, ताकि वे चुनावी माहौल को अपने पक्ष में कर सकें. वहीं, कांग्रेस ने राजेश गुप्ता को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो कांग्रेस के लिए इस सीट पर जीत हासिल करने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस के लिए यह सीट अहम है, क्योंकि वह यहां अपनी राजनीतिक पहचान फिर से बनाने की कोशिश कर रही है.
Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में किराड़ी सीट एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गई है, जहां इस बार त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा. आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और कांग्रेस ने सभी राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. यह सीट उत्तर-पश्चिम दिल्ली के संसदीय क्षेत्र में आती है और यहां के चुनाव परिणाम हर पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि यह दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है.
किराड़ी का राजनीतिक गणित
किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,19,006 मतदाता हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,75,815, महिला मतदाताओं की संख्या 1,43,153 और थर्ड जेंडर के 38 वोटर्स शामिल हैं. दिल्ली के परिसीमन के बाद इस क्षेत्र में 106 अनधिकृत कॉलोनियां और तीन गांव आते हैं. यहां के मतदाताओं की संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए हुए पूर्वांचलियों का बोलबाला है, जिनकी राजनीतिक ताकत इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती है. इस क्षेत्र में ब्राह्मण वोटों की संख्या भी महत्वपूर्ण है, जिससे भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी रणनीति बना रही हैं.
चुनाव के पिछले परिणाम और उम्मीदवारों का चयन
पिछले चार विधानसभा चुनावों में भाजपा और आप ने किराड़ी सीट पर दो-दो बार जीत हासिल की है. साल 2013 में भाजपा के अनिल झा ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2015 और 2020 में आप ने सफलता प्राप्त की. खास बात यह है कि 2020 में आप के ऋतुराज गोविंद ने भाजपा के अनिल झा को मात्र 3 प्रतिशत वोटों के अंतर से हराया. इस बार फिर से अनिल झा भाजपा के प्रत्याशी हैं, लेकिन इस बार वो आप के प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर रहे हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है.
भा.ज.पा. का ब्राह्मण कार्ड और कांग्रेस का दांव
भा.ज.पा. ने इस बार ब्राह्मण चेहरा बजरंग शुक्ला को टिकट दिया है, ताकि वे ब्राह्मण समुदाय को आकर्षित कर सकें और चुनावी माहौल को अपने पक्ष में कर सकें. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर राजेश गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है, जो कांग्रेस के लिए इस सीट पर खाता खोलने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस के लिए यह सीट महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह इस सीट पर अपनी राजनीतिक पहचान को फिर से स्थापित करना चाहती है.
आने वाले चुनावों में क्या होगा?
किराड़ी विधानसभा में चुनावी मुकाबला इस बार एक नए और रोमांचक दौर में प्रवेश कर गया है. भाजपा और आप के बीच पहले से ही कड़ी टक्कर है, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार के आने से इस सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबला होगा. खासकर ब्राह्मण वोटों के मुद्दे पर भाजपा का दांव और पूर्वांचलियों के वोट बैंक को लेकर 'आप' की रणनीति दिलचस्प होगी. इन सबके बीच किराड़ी के मतदाता तय करेंगे कि कौन सी पार्टी उनके विश्वास को जीतने में कामयाब रहती है.
इनपुट- आईएएनएस
ये भी पढ़िए- कालकाजी सीट पर अमीरी और ईमानदारी का मुकाबला तेज, जानें किसकी कितनी है नेटवर्थ