AAP candidate Amanatullah Khan : चुनावी सभा में अमानतुल्लाह खान ने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि आप सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन के क्षेत्र में बेहतरीन काम किए हैं.
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Delhi Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में ओखला सीट पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण हो गया है. आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी अमानतुल्लाह खान ने शाहीन बाग में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि यदि वोट बंटे तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को इसका फायदा मिल सकता है. अमानतुल्लाह खान ने इस बात पर जोर दिया कि वोटों का विभाजन बीजेपी को सत्ता के करीब ले जा सकता है, जो उनकी पार्टी और दिल्ली के विकास के लिए नुकसानदायक साबित होगा.
ओखला में बहुकोणीय मुकाबला
ओखला विधानसभा सीट पर इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. आम आदमी पार्टी (आप) के अमानतुल्लाह खान, बीजेपी के मनीष चौधरी, कांग्रेस की अरीबा खान और एआईएमआईएम के शिफाउर रहमान मैदान में हैं. एआईएमआईएम द्वारा दिल्ली दंगों के आरोपी शिफाउर रहमान को टिकट देने के बाद मुकाबला और रोचक हो गया है. ओखला जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, अब आप का मजबूत किला बन चुका है. लेकिन विपक्षी दलों के आक्रामक प्रचार अभियान और कई दावेदारों के मैदान में उतरने से यहां की चुनावी लड़ाई कठिन हो गई है.
'आप' सरकार की उपलब्धियां बनी चुनावी मुद्दा
चुनावी सभा के दौरान अमानतुल्लाह खान ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन के क्षेत्र में आप सरकार ने ऐतिहासिक काम किए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करते हुए लोगों से बिना बंटे 'आप' के पक्ष में वोट देने की अपील की. खान ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह बुलडोजर राजनीति के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है.
वोटों के बंटवारे से बीजेपी को फायदा?
अमानतुल्लाह खान ने अपने भाषण में यह भी कहा कि यदि वोट बंटते हैं, तो बीजेपी को इसका सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने बीजेपी की 'बटेंगे तो कटेंगे' रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि यह नारा हरियाणा और महाराष्ट्र में सफल रहा है और अब बीजेपी इसे दिल्ली में आजमाना चाहती है. उन्होंने मतदाताओं से एकजुट होकर 'आप' को समर्थन देने की अपील की.
ओखला सीट पर 'आप' का भविष्य दांव पर
पिछले दो चुनावों में ओखला से जीतने वाले अमानतुल्लाह खान के सामने इस बार हैट्रिक लगाने की चुनौती है. हालांकि, कांग्रेस और एआईएमआईएम के सक्रिय अभियान और बीजेपी के मजबूत उम्मीदवार के कारण मुकाबला कांटे का हो गया है. 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को मतगणना के बाद ही यह तय होगा कि ओखला में किसकी जीत होगी और दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी.
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