Rohtak Election Result: दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी 9 विधानसभा सीटों में BJP को करारी शिकस्त दी. यही नहीं साल 2019 में वो जिस कोसली विधानसभा सीट में सबसे ज्यादा वोटों से हारे थे, वहां पर सबसे छोटी महज 2 वोटों से जीत हासिल की,.
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Rohtak Election Result: हरियाणा की हॉट सीट माने जाने वाली रोहतक लोकसभा सीट से दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने एक बार फिर दमदार वापसी की है. उन्होंने BJP के उम्मीदवार डॉक्टर अरविंद शर्मा (Dr. Arvind Sharma)को 3,45,298 वोटों से हरा दिया. यही नहीं उन्होंने रोहतक लोकसभा सीट में आने वाली सभी सभी 9 विधानसभा सीटों में उन्होंने जीत हासिल की. 2019 के चुनाव में जिस विधानसभा सीट से दीपेंद्र हुड्डा को करारी हार का सामना करना पड़ा था, उस सीट से इस बार उन्होंने सबसे छोटी 2 वोटों की लीड हासिल की.
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रोहतक लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीट
1. कोसली
2. रोहतक
3. बहादुरगढ़
4. कलानौर
5. झज्जर
6. बादली
7. महम
8. बेरी
9. गढ़ी सांपला किलोई
2019 के नतीजे
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा को BJP उम्मीदवार अरविंद शर्मा ने शिकस्त दी थी. हालांकि, तब भी हार का अंतर ज्यादा नहीं था. अरविंद शर्मा ने हुड्डा को लगभग 7 हजार के मामूली अंतर से हराया था. दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 5,66,342 वोट मिले थे, जबकि अरविंद शर्मा को 573,845 वोट मिले थे. 2019 के चुनाव में दीपेंद्र को सबसे कम वोट कोसली विधानसभा सीट से मिले थे, वहां उन्हें 74,980 वोटों से हार मिली थी. इस बार कोसली में हुड्डा को 83422 और अरविंद शर्मा को 83420 वोट मिले. हुड्डा ने इस सीट पर भी 2 वोटों से जीत हासिल की.
हुड्डा परिवार का गढ़ मानी जाती है रोहतक सीट
हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा का गढ़ मानी जाती है. साल 1991 के बाद केवल 1999 और 2019 में ही कांग्रेस को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा है. पिछली बार दीपेंद्र हुड्डा के चुनाव हारने के बाद इस बार ये हरियाणा की हॉट सीट मानी जा रही थी.
BJP के प्रति नाराजगी का मिला फायदा
हरियाणा की जनता मौजूदा BJP सरकार से रोजगार, महंगाई, किसान आंदोलन सहित कई मुद्दों को लेकर नाराज चल रही है. ऐसे में कांग्रेस ने इन मुद्दों को भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. BJP जिन इलाकों में मजबूत थी, दीपेंद्र हुड्डा ने उन सीटों पर भी जाकर डोर-टू-डोर कैंपेन किया और अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को जनता के बीच रखा. जिसकी वजह से कांग्रेस एक बार फिर जनता का विश्वास पाने में कामयाब हुई हरियाणा की 10 में से 5 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की.