रणदीप सुरजेवाला को लेकर कुलदीप बिश्वनोई ने कहा कि वो अच्छे नेता हैं. मैं उनको ब्रेनबैंक नेता हैं, उनका राज्यसभा में जाना अच्छी बात होगी. राजस्थान के विधायकों से मेरा अनुरोध है कि वह रणदीप सुरजेवाला को जिताएं. हरियाणा के विधायकों को एक बात कहूंगा कि वो अपनी अंतरात्मा की सुनें.
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नई दिल्ली: हरियाणा मचे सियासी माहौल में अब जाकर कुलदीप बिश्नोई की एंट्री हो गई है. कुलदीप को कांग्रेस विधायकों के साथ रायपुर जाना था, लेकिन वो नहीं गए. इसकी वजह पार्टी से नाराजगी है या फिर कुछ और. इस पर उन्होंने मीडिया के सामने आकर बात की. उन्होंने यह तो नहीं बताया कि वो अजय माकन के पक्ष में जाएंगे या फिर निर्दलीय कैंडिडेट कार्तिकेय शर्मा के साथ, लेकिन रायपुर गए विधायकों को नसीहत जरूर दी कि वोटिंग के वक्त अपनी अंतरात्मा की सुनें. इस दौरान उन्होंने रणदीप सुरजेवाला की बड़ाई की.
वह स्वर्गीय चौधरी भजन लाल की पुण्यतिथि में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे हिसार पहुंचे थे. यहां विधिवत पूजा-पाठ में हिस्सा लिया. मीडिया से उन्होंने कहा कि वह युग पुरुष स्वर्गीय रतन लाल चौधरी की पुण्यतिथि पर हिसार में हूं. इसके बाद मेरे विभिन्न कार्यक्रम हैं इसको लेकर. मैं उनकी समाधि पर भी जाऊंगा. बहुत इतिहास रहा है चौधरी भजन लाल जी का. आधुनिक हरियाणा के निर्माण में अगर किसी का माना जाए तो तीन बार मुख्यमंत्री, 9 बार विधायक और 3 बार सांसद, एक बार राज्य सभा सांसद रहे. एक बार केंद्र में मंत्री रहे.
रणदीप सुरजेवाला को लेकर कुलदीप बिश्वनोई ने कहा कि वो अच्छे नेता हैं. मैं उनको ब्रेनबैंक नेता हैं, उनका राज्यसभा में जाना अच्छी बात होगी. राजस्थान के विधायकों से मेरा अनुरोध है कि वह रणदीप सुरजेवाला को जिताएं. हरियाणा के विधायकों को एक बात कहूंगा कि वो अपनी अंतरात्मा की सुनें. मैं कांग्रेसी हूं, मेरे पिता जी कांग्रेस के सच्चे सेवक थे. मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं, कहीं और जाने का सवाल ही नहीं हैं. राहुल गांधी के विजन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाऊंगा. 8 या 9 तारीख को उनसे मेरी मुलाकात हो सकती है. उदयपुर में चिंतन शिविर में टिकट कटने पर उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले से खुश नहीं था. हरियाणा के राज्यसभा सीट को लेकर क्या करेंगे, इस पर बिश्नोई ने कहा कि मैंने कोई फैसला नहीं किया है, वोट डालूंगा. अपनी अंतरात्मा की सुनकर वोट करूंगा. किसी के कहने पर है.
क्या बोले कुलदीप बिश्नोई?
हरियाणा चुनाव को लेकर कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि अगर हाल में चुनाव हों तो हंग असेंबली के चांसेस ज्यादा हैं. ये चिंता का बिषय है. क्योंकि जहां भी हंग असेंबली होती है, वहां भाजपा को फायदा होता है. इससे बचने के लिए कांग्रेस पार्टी को कुछ ऐसे सख्त कदम उठाने पड़ेंगे, जिससे लोगों को लगे कि कांग्रेस सरकार बना सकती है, लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है. इसलिए कांग्रेस को रिवर्स डिसीजन भी लेना चाहिए, अगर जरूरत पड़े.
हालांकि अभी भी रायपुर में कुल 28 विधायक ही हैं. कुलदीप बिश्नोई दिल्ली पहुंच चुके हैं, लेकिन कांग्रेस आलाकमान के साथ मीटिंग होगी या नहीं, ये तो बाद में पता चलेगा. लेकिन दो विधायक अभी भी लापता हैं, इससे कांग्रेस आलाकमान परेशान हैं. दूसरी तरफ निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को भी महज 3 विधायक ही चाहिए.
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सिर्फ कुलदीप बिश्नोई के साथ आने से अजय माकन की राह आसान होती नहीं दिख रही है. कुलदीप बिश्वनोई साथ आ भी गए तो विधायकों की संख्या 29 पहुंच पाएगी, जबकि राज्यसभा सीट के लिए कुल 31 विधायकों का समर्थन अजय माकन को चाहिए, 2 अभी भी कम है. कांग्रेस को डर रहा है कि नाराज किरण चौधरी और चिरंजीव राव उनका खेल बिगाड़ सकते हैं.
कांग्रेस के पास कितने विधायक
90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं. लेकिन तीन की नाराजगी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है. कांग्रेस को डर सता रहा है कि अगर ये तीन विधायक कॉस वोटिंग कर देते हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन का संसद पहुंचने का सपना चूर हो सकता है. तीन विधायकों की तरह किसी और में पार्टी विरोध स्वर न पनपे, इसी डर से छत्तीसगढ़ की राजधानी में हरियाणा के विधायकों की बाड़ेबंदी की गई है. रायपुर में ठहराए विधायकों को अब सीधे वोटिंग के दिन ही वापस लाया जाएगा. तब तक सभी विधायकों को रिजॉर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. रिसॉर्ट में किसी के भी अंजान शख्स के आने-जाने पर रोक है.
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3 विधायकों का है पूरा खेल
सियासी हलचल के बीच कांग्रेस का खेल बिगड़ता दिख रहा है, वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा खुश हैं. कार्तिकेय की उम्मीदवारी से हरियाणा राज्यसभा चुनाव रोचक हो गया है. कार्तिकेय को बीजेपी और उसकी सहयोगी जेजेपी का समर्थन मिलने की खबर है. बीजेपी के पास 41 विधायक हैं, जबकि जेजेपी के 10 विधायक हैं. वहीं 6 निर्दलीय विधायकों ने भी उन्हें समर्थन देने की बात कही है. एक-एक विधायक इनेलो और हरियाणा लोक हित पार्टी के भी हैं. ऐसे में अगर शर्मा को कांग्रेस के तीन विधायकों का वोट भी मिल जाता है तो वो राज्यसभा पहुंच जाएंगे, और माकन का पत्ता साफ हो सकता है.