Community: सरकार ने कुपोषण से निपटने और पोषण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. पोषण अभियान और मिशन पोषण 2.0 जैसी योजनाएं न केवल कुपोषण को कम करने पर केंद्रित हैं, बल्कि सामुदायिक जागरूकता को भी प्राथमिकता देती हैं.
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Health: समुदाय आधारित पोषण शिक्षा कार्यक्रमों की ताकत उन बदलावों में है जो हर दिन जमीनी स्तर पर देखे जाते हैं. जब एक मां छह महीने तक सिर्फ स्तनपान कराने का महत्व समझती है या एक किशोरी अपनी थाली में पोषक तत्वों को शामिल करना शुरू करती है, तो यह केवल व्यक्तिगत निर्णय नहीं होता, बल्कि पूरे समुदाय की सोच और स्वास्थ्य में बदलाव का संकेत होता है. पोषण शिक्षा की सफलता तभी नजर आती है जब यह जानकारी के साथ व्यवहार परिवर्तन भी लाती है.
सरकार ने कुपोषण से निपटने और पोषण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. पोषण अभियान और मिशन पोषण 2.0 जैसी योजनाएं न केवल कुपोषण को कम करने पर केंद्रित हैं, बल्कि सामुदायिक जागरूकता को भी प्राथमिकता देती हैं. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण शिक्षा को जमीनी स्तर तक ले जाने का महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं. पोषण पंचायतों जैसे मंचों पर महिलाएं पोषण और स्वास्थ्य के बारे में अपने अनुभव साझा करती हैं और अपने परिवारों में स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित होती हैं. इसके अलावा, मिड-डे मील कार्यक्रम के तहत बच्चों को पोषण के महत्व की जानकारी दी जाती है, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बल मिलता है.
पोषण शिक्षा का प्रभाव धीरे-धीरे दिखता है, लेकिन इसका असर दीर्घकालिक और व्यापक होता है. मैंने देखा है कि जब महिलाएं पोषण संबंधी जानकारी को अपने परिवारों और आस-पड़ोस में साझा करती हैं, तो यह बदलाव की एक लहर बन जाती है. उदाहरण के लिए, पोषण पंचायत में भाग लेने वाली महिलाएं जब घर लौटकर अपने बच्चों के खाने में विविधता लाती हैं, तो इसका सकारात्मक असर पूरे परिवार पर पड़ता है. किशोरियों को एनीमिया से बचाव के उपायों की जानकारी देना न केवल उनके स्वास्थ्य में सुधार करता है, बल्कि उनके भविष्य के परिवारों को भी मजबूत नींव देता है.
पोषण शिक्षा का दीर्घकालिक प्रभाव सिर्फ स्वास्थ्य सुधार तक सीमित नहीं है. यह बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, महिलाओं को सशक्त करता है, और समुदायों को आत्मनिर्भर बनाता है. सरकार की सक्रिय भागीदारी और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि हर बच्चा स्वस्थ हो और हर मां सशक्त बने. यह छोटे-छोटे कदमों से बड़े बदलाव की कहानी है.
Written By: Dr Ashutosh Mishra, MBBS, Vitamin Angels India