Kisan Andolan 2024: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ सीमा पर डेरा डालने के लिए किसानों को फटकार लगाई और कहा कि राजमार्गों पर ट्रैक्टर-ट्रेलर का उपयोग नहीं किया जा सकता.
Trending Photos
Kisan Andolan 2024: किसान आंदोलन को लेकर केंद्र ने अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कार, 10 मिनी बसों के साथ-साथ छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं और उन्होंने अपना संदेश दिया है. सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पंजाब सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. पंजाब सरकार को भेजे एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति चिंता का विषय है और उसने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च
गृह मंत्रालय ने कहा कि किसानों की आड़ में कई उपद्रवी पंजाब की हरियाणा से लगती सीमा पर शंभू के पास भारी मशीनरी जुटाकर पथराव कर रहे थे. फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए उनके 'दिल्ली चलो' मार्च को सुरक्षा बलों द्वारा रोक दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बिंदुओं पर रुके हुए हैं, जिसके कारण पिछले सप्ताह झड़पें हुईं.
ये भी पढ़ेंः Traffic Advisory: कल किसानों का ट्रैक्टर मार्च, दिल्ली-नोएडा पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, इन रास्तों पर जाने से बचें
केंद्र के प्रस्ताव को किया खारिज, बोले- किसानों के हित में नहीं
गृह मंत्रालय ने कहा कि आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसान नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए MSP पर दलहन, मक्का और कपास की खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है और घोषणा की कि वे बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करेंगे. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 14,000 लोगों को राजपुरा-अंबाला रोड पर शंभू बैरियर पर इकट्ठा होने की अनुमति दी गई है, जिसमें लगभग 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, 300 कारें, 10 मिनी बसें और अन्य छोटे वाहन शामिल हैं.
पड़ोसी राज्यों में अशांति और अव्यवस्था फैलाने के इरादे से सीमा पर हमला
गृह मंत्रालय ने दावा करते हुए कहा कि इसी तरह, पंजाब ने ढाबी-गुजरान बैरियर पर करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ लगभग 4,500 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति दी है. पंजाब में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पिछले कुछ दिनों से चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि ऐसा लगता है कि विरोध की आड़ में उपद्रवियों और कानून तोड़ने वालों को पथराव करने और भारी मशीनरी जुटाने की खुली छूट दे दी गई है. गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से कहा कि पड़ोसी राज्यों में अशांति और अव्यवस्था फैलाने के इरादे से सीमा पर हमला किया गया है.
उपरोक्त के मद्देनजर, किसानों के विरोध की आड़ में ऐसी सभी विघटनकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल समीक्षा और कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता है. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि रिपोर्टों के अनुसार, अदालत ने पंजाब सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में इकट्ठा न हों, खासकर राजमार्गों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली, जेसीबी और अन्य भारी उपकरणों के इस्तेमाल पर गंभीर आपत्ति जताएं. गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में विरोध कर रहे किसानों के कुछ समूहों द्वारा हाल ही में किए गए आंदोलन से निपटने में पंजाब में कानून-व्यवस्था मशीनरी में उल्लेखनीय गिरावट आई है. इस पर कार्रवाई करें.
राजमार्गों पर ट्रैक्टर-ट्रेलरों का उपयोग नहीं- हाईकोर्ट
किसान संगठनों के राष्ट्रीय राजधानी तक विरोध मार्च के आह्वान से पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ शंभू सीमा पर डेरा डालने के लिए उन्हें फटकार लगाई और कहा कि राजमार्गों पर ट्रैक्टर-ट्रेलर का उपयोग नहीं किया जा सकता. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया और न्यायमूर्ति लापीता बनर्जी की पीठ ने इतनी बड़ी संख्या में किसानों को एकत्र होने की अनुमति देने के लिए पंजाब सरकार से सवाल किया.
पीठ ने टिप्पणी की कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, आप राजमार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग नहीं कर सकते. आप ट्रॉलियों पर अमृतसर से दिल्ली तक यात्रा कर रहे हैं. न्यायमूर्ति संधावालिया ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में एकत्र न हों, क्योंकि उन्हें विरोध करने का अधिकार तो है, लेकिन यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है.
सुनवाई के दौरान उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए ट्रैक्टर और ट्रॉली में यात्रा करने पर भी आपत्ति जताई है. अदालत वकील उदय प्रताप सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि 13 फरवरी से सड़क नाकाबंदी से न केवल निवासियों को असुविधा हो रही है, बल्कि एम्बुलेंस, स्कूल बसों और पैदल यात्रियों की आवाजाही में भी बाधा आ रही है.