क्या थी Delhi New Liquor Policy जिसके चलते CBI ने कसा डिप्टी CM मनीष सिसोदिया पर शिकंजा
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क्या थी Delhi New Liquor Policy जिसके चलते CBI ने कसा डिप्टी CM मनीष सिसोदिया पर शिकंजा

सिसोदिया के घर से अलग-अलग 21 जगहों पर सीबीआई की रेड जारी है. 7 राज्य और यूटी में रेड जारी है. इनमें दिल्ली के 4 आबकारी अधिकारियों के यहां कार्यवाही जारी है. इस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.

क्या थी Delhi New Liquor Policy जिसके चलते CBI ने कसा डिप्टी CM मनीष सिसोदिया पर शिकंजा

Delhi New Liquor Policy: दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर रेड मारी है. उनके घर समेत कुल 21 जगहों पर सीबीआई की कार्रवाई जारी है. दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के पूर्व अधिकारियों पर भी गाज गिरी है. उनके यहां भी सीबीआई की टीम पहुंची थी. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नियमों का उल्लंघन खामियों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. बीजेपी ने भी आबकारी नीति का विरोध किया था. इतना ही नहीं बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए थे. एलजी ने जांच रिपोर्ट के आधार सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

साल 2021 में लागू की थी नई शराब नीति

दिल्ली सरकार ने साल 2022 में विधानसभा में नई शराब नीति लाने की बात कही थी, जिसे नवंबर 2021 से लागू किया गया था. केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति को लागू करने के पीछे 4 खास वजह थीं.

1. दिल्ली में शराब माफिया और कालाबाजारी को समाप्त करना

2. दिल्ली सरकार के राजस्व को बढ़ाना

3. शराब खरीदने वाले लोगों की शिकायत दूर करना

4. हर वार्ड में शराब की दुकानों का समान वितरण होगा

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दिल्ली सरकार के ये 5 प्रमुख फैसले

1. दिल्ली को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 लिकर वेंडर रखने का फैसला

2. दिल्ली सरकार शराब बेचने का काम नहीं करेगी

3. दिल्ली में शराब बेचने के लिए सिर्फ प्राइवेट दुकानें होंगी

4. हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी जाएगी

5. शराब दुकानों के लिए लाइसेंस देने की प्रोसेस को आसान और फ्लेक्सिबल बनाया जाएगा

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सस्ती शराब की बिक्री पर दुकानों पर लगी लंबी लाइन

दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद नई शराब नीति के तहत लाइसेंसधारियों को MRP प्राइस पर शराब बेचने की बजाय अपनी कीमतों पर शराब बेचने की छूट दी. जिसके बाद शराब की दुकानों पर लोगों की लंबी लाइनें देखने को मिली. तो वहीं, दूसरी तरफ से विपक्ष की सरकार ने इसका कड़ा विरोध भी किया था, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने इस फैसले को कुछ समय के लिए वापस लेना पड़ा था.

मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट में सरकार पर लगे 4 कानून तोड़ने के आरोप

दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को लेकर मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि शराब नीति को लागू करने से पहले प्रस्तावित नीति को कैबिनेट के समक्ष रखना होता है। इसके बाद कैबिनेट से पास इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को भेजना होता है। लेकिन, इस प्रोसेस को नहीं अपनाया गया है.

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दिल्ली सरकार पर लगे ये 4 नियमों को तोड़ने के आरोप

GNCTD अधिनियम 1991

व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR)-1993

दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009

दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010

एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 नवंबर, 2021 में केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति को लागू किया था. सिर्फ दिल्ली सरकार ने लाइसेंस की नीलामी से 8,900 करोड़ रुपए कमाए हैं. इसी के साथ 15 सितंबर को मनीष सिसोदिया ने दावा करते हुए कहा था कि नई पॉलिसी से सरकार को 3500 करोड़ रुपए एक्स्ट्रा रेवेन्यू मिलेगा, जिससे दिल्ली सरकार की कमाई बढ़कर 10 हजार करोड़ हो जाएगी.

दिल्ली सरकार को शरार से दो तरह से टैक्स हासिल होते हैं

पहला: रेवेन्यू

दूसरा: दुकानों के लाइसेंस

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