26 जनवरी को देश में प्रदर्शन कर सरकार तक SKM पहुंचाएगा अपनी बात- किसान नेता
करनाल के डेरा कार सेवा गुरुद्वारा में वीरवार को संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग का आयोजन किया गया. मीटिंग में देश भर के करीब 17 राज्यों के किसान नेताओं ने शिरकत की. जहां अपनी मांगे पूरी न होने को लेकर किसानों ने चर्चा की.
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कमरजीत सिंह/ नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) की राष्ट्रीय स्तरीय बैठक आज करनाल में के डेरा कार सेवा गुरुद्वारा में बुलाई गई. भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) ने इस बैठक का आयोजन किया. मीटिंग में देश भर के करीब 17 राज्यों के किसान नेताओं ने शिरकत की. मीटिंग सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चली. मीटिंग में MSP और किसान आंदोलन (Farmer Protest) के दौरान दर्ज हुए किसानों पर लगे केस सहित अन्य कई मुख्य मांगों को लेकर चर्चा की गई. मीटिंग में कुछ अन्य किसान संगठनों के सदस्य मीटिंग में नहीं पहुंच पाए तो उन किसान संगठनों को बुलाने के लिए 24 दिसंबर को दोबारा करनाल में मीटिंग रखी गई.
किसाना नेताओं ने कहा कि आज कुछ किसान संगठन किसी कारण वंश मीटिंग में नहीं पहुंच पाए. जिसको लेकर अगली मीटिंग 24 दिसंबर को करनाल में रखी गई है. किसान नेताओं ने कहा कि SKM कोई दो फांड नहीं हुआ है. SKM आज भी वही है जो किसान आंदोलन के दौरान था.
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SKM के किसान नेता जोगिन्द्र सिंह ने बताया कि किसानों की मांगे जो अब तक लंबित है, उनको लेकर आज करनाल में मीटिंग रखी गई थी. इस मीटिंग में कुछ जत्थेबंदियां शामिल नहीं हो सकी. जिसके चलते अब अगली मीटिंग 24 दिसंबर को रखी गई है. जिसमें सभी जत्थेबंदियों के नेता मीटिंग में हिस्सा लेगें, लेकिन आज की मीटिंग में ये जरूर तय हो गया कि 26 जनवरी वाले दिन कोई न कोई बड़ा प्रदर्श ऑल इंडिया में होगा वो हम करेगें. लेकिन प्रदर्शन क्या होगा सभी किसान संगठनों की सहमति लेकर ही करेंगे. उन्होंने कहा कि आज मीटिंग में जो दिल्ली मोर्चा के समय लंबित मांगे रह गई थी उनको चर्चा की और और इसमें हमने तीन मांगे और जोड़ी है, जिसमें किसानों का कर्जा, बीमा स्कीम और किसानों की पेंशन. इन सभी मांगों को लेकर आज मीटिंग रखी गई थी.
SKM के किसान नेता सुरेश कोथ ने कहा कि हमारा SKM का नियम है कि हर बार तीन अध्यक्ष बनाए जाते हैं. आज भी तीन अध्यक्ष चुने गए हैं. आज की मीटिंग का मुख्य एजेंडा था अब तक किसान मोर्च द्वारा किए कामों की समीक्षा करना, आगे के कार्यक्रम तैय करना, भूमि अधिकरण के बारे में हम क्या सोचते हैं, लंबित पड़े केस हैं उन पर क्या प्रोग्रस है और लखमीपुरा खीरी केस में गिरफ्तार किसानों की रिहाई सहित कई किसानों की मुख्य मांगों को लेकर चर्चा की गई. अब दोबार 24 दिसंबर को यहीं पर दोबारा मीटिंग रखी गइ है. जिसमें वो किसान संगठन भी शामिल होगें जो आज नहीं पहुंच पाए थे. उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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