Jitendra Singh Shunty: मर चुके लोगों से वोट तो मिलते नहीं... शंटी के AAP में शामिल होने के बाद केजरीवाल ने की तारीफ
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Jitendra Singh Shunty: मर चुके लोगों से वोट तो मिलते नहीं... शंटी के AAP में शामिल होने के बाद केजरीवाल ने की तारीफ

Padmasri Jitendra Singh Shunty: 2013 में शाहदरा से बीजेपी के विधायक रहे जितेंद्र सिंह शंटी ने गुरुवार को आप आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली. पद्मश्री पदक विजेता जितेंद्र सिंह शंटी के नाम 106 बार रक्तदान का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. पार्टी में शमिल होने के बाद उन्होंने कहा कि उनका घर और कर्मभूमि, श्मशान घाट है. 

 

 

 

 

जितेंद्र सिंह शंटी AAP में शामिल

Jitendra Singh Shunty AAP: पद्मश्री पदक विजेता समाजसेवी जितेंद्र सिंह शंटी गुरुवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पटका पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया. पार्टी में शामिल मिल होने के बाद शंटी ने कहा कि मेरे दिल, जमीर, परिवार और साथियों ने कहा कि मेरे और केजरीवाल के कामों में काफी समानता है. केजरीवाल पैदा होने से लेकर बुजुर्गों तक सभी जरूरतमंदों के लिए काम कर रहे हैं और जब लोग खासकर प्रवासी योद्धा (श्रमिक) दुनिया छोड़कर जाते हैं. कई बार उनके दाह संस्कार के लिए लकड़ी नसीब नहीं होती तो जब जीने का काम केजरीवाल और मृत्यु के बाद का काम मैं संभल लूंगा तो हमारा मिशन पूरा हो जाएगा. 

कौन हैं जितेंद्र सिंह शंटी 
2013 में शाहदरा से बीजेपी के विधायक रहे जितेंद्र सिंह शंटी के नाम 106 बार रक्तदान का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. उन्होंने कहा, शहीदे आजम भगत सिंह हम दोनों के ही मेंटर भी है. इसलिए केजरीवाल की सेवाओं को देखते हुए अपनी सेवाओं को इनके साथ जोड़ रहा हूं. उन्होंने कहा, मेरा घर और कर्मभूमि श्मशान घाट है. जनसेवा के काम आगे भी जारी रहेंगे.  

लोग एम्बुलेंस मैन के नाम से जानते हैं 
जितेंद्र सिंह शंटी को एम्बुलेंस मैन के नाम से भी जाना जाता है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जितेंद्र कुमार को किसी पहचान की जरूरत नहीं है. अपनी समाजसेवा के लिए उनका नाम देश से लेकर विदेश तक है. उन्होंने कहा कि जितेंद्र कुमार अब तक 70 हजार से ज्यादा डेड बॉडी को एम्बुलेंस और शव वाहनों से ले जाकर उनका अंतिम संस्कार करवा चुके हैं. 

कोविड पीरियड में योगदान को सराहा 
केजरीवाल ने कहा, लावारिस मृत लोगों के बारे में कोई नहीं सोचता. अगर कोई मर जाए तो उनसे वोट तो मिलते नहीं. उसका ख्याल तो वही रख सकता है जिसके सीने में दिल धड़कता है. कोविड के समय जब अपने ही अपनों का अंतिम संस्कार करने से बच रहे थे, उस समय भी जितेंद्र कुमार शंटी ने आगे आकर मृत लोगों को सम्म्मान दिया. परिवार भी बीमार रहा, लेकिन उन्होंने अपने इस काम को जारी रखा. इसके लिए उन्हें पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया.  

 

 

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