Health Tips: अगर आप भी वेजिटेरियन हैं तो जल्द ही अपना BMI जांच कराएं. कमी होने पर फैक्चर जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इसलिए अपनी डाइट में हाई प्रोटीन चीजें शामिल करें.
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Health Tips: अगर हम स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो इसक लिए हमारा खान-पान बहुत ज्यादा मेटर करता है. कुछ लोग वेजिटेरियन होते हैं तो कुछ नॉनवेजिटेरियन होते हैं. वहीं लग अब मीट से होने वाली बीमारियों के चलते उससे दूरी बनाने लगे हैं. क्योंकि एक रिसर्च में आया था कि मीट का अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल, हार्ट और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का शिकार बना सकता है. वहीं अब एक और जांच सामने आई है. इसमें मीट न खाने वाले इंसानों को शरीर से जुड़ी बहुत बड़ी परेशानी हो सकती है.
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बता दें कि ब्रिटेन की स्टडी में दावा किया गया है कि जो लोग मांस-मच्छली नहीं खाते हैं, उनमें हिप फैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. यहां मीट, पेस्केटेरियन (मीट न खाने वाले, लेकिन मच्छली खाने वाले लोग) और वेजिटेरियन लोगों में कूल्हे के फ्रैक्चर के जोखिमों को लेकर एक रिसर्च की गई थी, जिसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. जांच से पता चला कि ऐसे महिला और पुरुष जो वेज भोजन करते हैं, उनमें कूल्हे के फ्रैक्चर होने का खतरा 50% ज्यादा पाया गया. इसका कारण आंशिक रूप से शाकाहारी आहार का पालन करने वाले प्रतिभागियों के बीच लोअर बॉडी मास इंडेक्स (BMI) से जोड़कर देखा गया. जांचकर्ताओं ने 4 लाख से अधिक लोग, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों के डेटा की बारीकी से जांच की थी.
बीएमसी मेडिसिनट्रस्टेड में प्रकाशित इस स्टडी में शोधार्थियों ने बताया कि वेज खाने वाले कुछ लोगों में प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं. वेज भोजन करने वाले लोगों ध्यान रखना चाहिए कि वो हड्डियों के फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाएं.
वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाने के लिए करीब चार लाख से अधिक लोगों का आकलन किया था. शोधकर्ताओं ने बताया कि इस बढ़े हुए जोखिम का कारण शाकाहारी भोजन करने वाले प्रतिभागियों का लोअर बॉडी मास इंडेक्स हो सकता है. कम बीएमआई का मतलब मांसपेशियों और हड्डियों का पूरी तरह स्वस्थ न होना और चोट से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए शरीर में जरूरी वसा की कमी से है, लेकिन इस जोखिम के अधिकांश कारण अस्पष्ट पाए गए.
वेजिटेरियन लोगों को यह समझना चाहिए कि उन्हें अपनी डाइट में जरूरी पोषक तत्वों को कैसे शामिल करना है और शाकाहारी भोजन में किन पोषक तत्वों की कमी होने की सबसे अधिक संभावना है. उन्हें उन पोषक तत्वों के प्लांट बेस्ड विकल्प ढूंढने चाहिए जो आसानी से एनिमल बेस्ड प्रॉडक्ट्स में मिल जाते हैं.
वहीं स्टडी के लेखक जेम्स वेबस्टर ने शाकाहारी भोजन के कई फायदे गिनाते हुए कहा कि शाकाहारी भोजन से स्वास्थ्य को ढेरों फायदे होते हैं. ये डाइट दिल और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के जोखिम को कम करती है. जाहिर है कि इससे होने वाले फायदे हर मायने में हिप फ्रैक्चर के जोखिम से बहुत ज्यादा हैं. इसके अलावा हमारी स्टडी में यह बात सामने आई कि कभी-कभार और नियमित रूप से मीट खाने वालों के बीच हिप फ्रैक्चर के जोखिम में कोई अंतर नहीं था. इसलिए अगर आप अपनी डाइट से मीट का सेवन कम कर देते हैं तो इससे हिप फ्रैक्चर का खतरा नहीं बढ़ेगा बल्कि आपकी सेहत को कई लाभ ही होंगे.