Ayushman Bharat Yojana की खामियां गिनाकर सौरभ भारद्वाज बोले, LG विनय सक्सेना को जमीनी हकीकत पता नहीं
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Ayushman Bharat Yojana की खामियां गिनाकर सौरभ भारद्वाज बोले, LG विनय सक्सेना को जमीनी हकीकत पता नहीं

PMJAY Drawbacks: दिल्ली सरकार के मंत्री ने एलजी से अनुरोध किया है कि स्टाफ की कमी और योजना के तहत निजी अस्पतालों के बकाया भुगतान की समस्या को जल्द सुलझाया जाए ताकि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सकें.

 

Ayushman Bharat Yojana की खामियां गिनाकर सौरभ भारद्वाज बोले,  LG विनय सक्सेना को जमीनी हकीकत पता नहीं

Delhi Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान भारत के अंदर मरीजों का डेटा और प्राइवेट अस्पतालों की भागीदारी से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं, जिससे इसकी व्यावहारिकता पर सवाल खड़ा हो रहा है. एलजी से अनुरोध है कि स्टाफ की कमी और बकाया भुगतान की समस्या का जल्द सुलझाएं जिससे कि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सकें. साथ ही स्वास्थ्य सचिव को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किए गए अस्पताल निरीक्षण और मीटिंग्स में शामिल होकर इसकी जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए.

जमीनी स्तर पर आयुष्मान भारत योजना है असफल
विनय सक्सेना को दिल्ली का एलजी बने डेढ़ साल हो गए,पर उन्हें अभी तक जमीनी हकीकत का पता नहीं है, यह बेहद दुखद है. एलजी को पता नहीं है कि दिल्ली के अधिकांश अस्पतालों में, खासतौर से जीटीबी, एलबीएस और आरटीआरएम अस्पताल में जो या तो बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और बीजेपी शासित हरियाणा के बॉर्डर पर स्थित हैं, उनमें मरीजो की भारी भीड़ होती है. इन अस्पतालों में दिल्ली के मरीजों की संख्या बीजेपी शासित पड़ोसी राज्यों के बराबर है. जीबी पंत अस्पताल जैसे कुछ अस्पतालों में की जाने वाली सर्जरी की कुल संख्या में लगभग आधा हिस्सा उन राज्यों के मरीजों का होता है, जहां आयुष्मान भारत योजना चालू है. जैसे कि बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा हैं. यह देखकर बहुत दुख होता है कि भले ही एलजी आयुष्मान भारत योजना के बारे में बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि जमीन पर ये योजना असफल है.

CAG ने  आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की विसंगतियों को उजागर किया
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि दिल्ली से सटे यूपी के अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए हम उपराज्यपाल (एलजी) को आमंत्रित करते हैं. जिससे कि वो जान सकें कि इन अस्पतालों में यह योजना केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गई है और धरातल पर यह योजना पूरी तरह से फेल है. उन्होंने कहा कि कैग (CAG)ने हाल ही में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के डेटाबेस में गलत नाम, फर्जी जन्मतिथि, डुप्लिकेट स्वास्थ्य पहचान पत्र और फर्जी परिवार जैसी कई विसंगतियों को उजागर किया था. 

योजना के तहत अपात्र परिवारों को लाभार्थियों के रूप में किया गया रजिस्टर- CAG  
CAG ने कहा था कि इस योजना में अपात्र परिवारों को लाभार्थियों के रूप में रजिस्टर किया गया था. इन परिवारों ने योजना के तहत 0.12 लाख से 22.44 करोड़ रुपये तक का फायदा उठाया था. स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एक ही मोबाइल नंबर पर कई लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया गया था. इसमें कहा गया है कि 7.49 लाख लोग मोबाइल नंबर 9999999999 पर लाभार्थी के तौर पर पंजीकृत हैं. इस योजना के लिए लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए पर्याप्त सत्यापन की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी, जिस वजह से लाभार्थी डेटाबेस में गलतियां देखने को मिलीं.

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आयुष्मान भारत योजना की दरें CGHS\DGEHS की दरों से काफी कम है
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सच है कि निजी अस्पताल सीजीएचएस/डीजीईएचएस दरों पर काम करना नहीं चाहते हैं. सुपर-स्पेशियलिटी सेवाओं वाले प्रसिद्ध निजी अस्पतालों को योजनाओं के तहत सूचीबद्ध नहीं किया गया है. यहां तक कि जो निजी अस्पताल सीजीएचएस/डीजीईएचएस के तहत सूचीबद्ध हैं, वे अधिक देखभाल की जरूरत वाले मरीजों को बिस्तर उपलब्ध न होने की बात करते हैं. एक बात कहना जरूरी है कि आयुष्मान भारत योजना की दरें सीजीएचएस/डीजीईएचएस दरों से काफी कम हैं. जिससे यह योजना प्रैक्टिकल नहीं हो पा रही है.

जिसके पास पक्की छत या दोपहिया वाहन है वह इसका लाभ नहीं उठा सकते 
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के नियम ऐसे हैं कि दिल्ली के अधिकतर लोग इसका लाभ नहीं उठा सकते हैं. जैसे कि जिस व्यक्ति के पास पक्की छत या दोपहिया वाहन हो. ऐसे लोग इस योजना का हिस्सा नहीं बन सकते हैं. जबकि, दिल्ली सरकारी की दिल्ली आरोग्य कोष योजना के तहत 3 लाख रुपये तक सालाना आमदनी वाला व्यक्ति निजी अस्पतालों/इमेजिंग केंद्रों में मुफ्त सर्जरी और मुफ्त रेडियोलॉजिकल टेस्ट करा सकता है/

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी से खाली पदों को भरने की अपील की 
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी से यह अपील है कि वह पक्षपातपूर्ण राजनीति करने की बजाय डॉक्टर, विशेषज्ञों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ में रिक्त स्वीकृत पदों को यूपीएससी/डीएसएसएसबी के जरिये जल्द से जल्द भरा जाए.

इसके साथ ही अंतरिम अवधि के दौरान इन पदों को अनुबंध के आधार पर भरा जाए, जिससे कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सभी सेवाएं चलती रहें. एलजी से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित अधिकारियों को डीएके/डीजीईएचएस के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के लंबित पड़े भुगतानों को करने का निर्देश दें, जिससे कि वे लाभार्थियों को इलाज से इनकार न करें. इसके अलावा सचिव (स्वास्थ्य) को अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के साथ रहने और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा बुलाई गई बैठकों में भाग लेने का निर्देश दें.