मनोहर लाल के बाद ब्राह्मण समाज से बने मुख्यमंत्री, आखिर क्यों सांसद अरविंद शर्मा ने रखी यह मांग?
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मनोहर लाल के बाद ब्राह्मण समाज से बने मुख्यमंत्री, आखिर क्यों सांसद अरविंद शर्मा ने रखी यह मांग?

Bhagwan Parushram Mahakumbh: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ब्राह्मण समाज में पैठ बनाने के लिए राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को आगे लाने की कोशिश में हैं, लेकिन अरविंद शर्मा के बयान से दोनों नेताओं के बीच तल्खी और बढ़ने के संकेत दिखाई दे रहे हैं.

मनोहर लाल के बाद ब्राह्मण समाज से बने मुख्यमंत्री, आखिर क्यों सांसद अरविंद शर्मा ने रखी यह मांग?

करनाल: हरियाणा में 2024 के चुनाव से पहले सीएम मनोहर लाल और रोहतक से भाजपा के सांसद अरविंद शर्मा के बीच सियासी शह और मात का खेल जारी है. इसका पता करनाल के सेक्टर-12 स्थित हुडा ग्राउंड में आयोजित भगवान परशुराम महाकुंभ में अरविंद शर्मा के बयान से लगाया जा सकता है. मंच पर मौजूद सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने आलाकमान से गुजारिश की है कि अगला मुख्यमंत्री ब्राह्मण समाज से होना चाहिए. उन्होंने कहा, जिस तरह से प्रधानमंत्री ने एक आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया है, उसी तरह हरियाणा में अगला मुख्यमंत्री ब्राह्मण समाज से होना चाहिए. 

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इस राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सीएम बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. इसके अलावा राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा और सांसद संजय भाटिया भी मौजूद रहे. कार्यक्रम भले ही गैर राजनीतिक हो, लेकिन विशुद्ध रूप से इसके पीछे राजनीति काम कर रही है. सीएम मनोहर लाल की कोशिश है कि चुनाव से पहले ब्राह्मण समाज में जबर्दस्त पैठ बना ली जाए. वैसे अभी ब्राह्मण समाज में नेता के तौर पर सांसद अरविंद शर्मा का नाम भाजपा में लिया जा रहा है, लेकिन अरविंद शर्मा और सीएम के बीच सियासी तल्खी जगजाहिर है. अरविंद शर्मा कई मौकों पर सीएम के सामने चुनौती पेश कर चुके हैं. ऐसे में सीएम खेमे की कोशिश है कि किस तरह से सांसद अरविंद शर्मा का सियासी कद छोटा किया जाए. माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के पीछे इसी तरह की सियासी सोच काम कर रही थी.

कार्तिकेय शर्मा को आगे बढ़ाने की कोशिश
सीएम खेमा बहुत ही सुनियोजित तरीके से राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. कार्तिकेय शर्मा को राज्यसभा में पहुंचाने में भी प्रदेश भाजपा ने बड़ी भूमिका अदा की थी. यदि ब्राह्मण नेता के तौर पर कार्तिकेय शर्मा का सियासी कद बढ़ता है तो निश्चित ही इसे अरविंद शर्मा को काउंटर किया जा सकता है. ध्यान रहे कार्तिकेय शर्मा पूर्व कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा के बेटे हैं, जो एक समय ब्राह्मण समाज के बड़े नेता माने जाते रहे हैं.

अरविंद शर्मा की टिप्पणी के सियासी मायने
अरविंद शर्मा ने ब्राह्मण समाज से सीएम बनाने की मांग कर सीएम मनोहर लाल खेमे की कोशिशों पर पानी फेरने का काम किया है. साथ ही सीएम को एक तरह से चैलेंज भी किया है, साथ ही अपने तेवर भी दिखा दिए हैं. यह पहला मौका नहीं है, जब अरविंद शर्मा ने सीएम के प्रति इस तरह के तेवर दिखाए हों. इससे पहले भी सांसद कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था, सीएम अपने दिमाग से काम नहीं लेते. रोहतक जिले के गांव पहरावर में जमीन को लेकर चल रहे विवाद के दौरान अरविंद शर्मा ने यह बयान दिया था. एक बार फिर से सीएम के मंच पर सांसद ने अपने तेवर दिखाए, इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर सीएम खेमा कार्तिकेय शर्मा को आगे बढ़ाने की कोशिश करता है तो वह चुप रहने वाले नहीं हैं. 

सीएम मनोहर लाल ने बताया, ब्राह्मण कौन 
समारोह में सीएम ने कहा कि ब्राह्मण समाज की पहचान जाति और जन्म से नहीं होती. जो ब्रह्म को जानता है, वह ब्राह्मण है. ब्राह्मण समाज के वीर जवानों के बलिदानों का भी देश के इतिहास में नाम रहा है. सीएम ने यह भी कहा कि यह हमारा प्रयास रहे कि समाज में जो दर्जा हमें मिला है, हम उसे बनाए रखें. समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने ब्राह्मण समाज का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना में जिन भाई मति दास, सती दास ने अपना बलिदान दिया था, वह ब्राह्मण थे.

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