Haryana Farmer News: हरियाणा सरकार किसानों को नई-नई सुविधा देने के लए लगातार प्रयासरत है. वहीं अब एक ऐसा ड्रोन आ रहा है, जिससे किसान खेत के बाहर से ही स्प्रे कर सकेगा.
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Haryana Farmer News: दिन प्रतिदिन किसान को आधुनिक बनाने को लेकर सरकार बेहतरीन कदम उठा रही है. वहीं आधुनिक तकनीक से किसान ज्यादा पैदावार के साथ कम समय में अच्छा मुनाफा ले पा रहा है. खरीफ सीजन में किसान अपनी फसलों पर स्प्रे के लिए आधुनिक कृषि ड्रोन का इस्तेमाल कर पाएंगे. सरकार द्वारा करीब 10 लाख रुपये की लागत का आधुनिक कृषि ड्रोन सोनीपत कृषि विज्ञान केंद्र में भेजा गया है. फिलहाल अभी पायलेट लाइसेंस व ड्रोन की कंपनी ट्रायल की प्रक्रिया बाकी है. ड्रोन की प्रक्रिया को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. ड्रोन किसानों के लिए बेहद कारगर साबित होगा और वहीं हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के लिए 50% सब्सिडी तो जरनल को 40% सब्सिडी दी जाएगी.
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पायलेट लाइसेंस के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के दो कर्मचारियों का चयन किया जाएगा, जिन्हें ट्रैनिंग दी जाएगी, जबकि कंपनी ट्रायल खरीफ सीजन के दौरान फसल की बिजाई व रोपाई प्रक्रिया किसानों द्वारा शुरू करने के बाद किया जाएगा. मौजूदा समय में रबी सीजन की फसलों की कटाई हो चुकी है, जिसके चलते ट्रायल के लिए अगले 20 से 25 दिनों का इंतजार करना पड़ सकता है.
चंद मिनटों में होगी स्प्रे
दरअसल खेत में स्प्रे के दौरान कई बार किसान को शारीरिक तौर पर नुकसान झेलना पड़ता है. यही नहीं कई बार कहीं ज्यादा तो कहीं कम स्प्रे होने के कारण फसल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, परन्तु अब किसान ड्रोन के माध्यम से खेत के बाहर बैठे-बैठे ही चंद मिनटों में पूरे खेत में एक समान दवाइयों का छिड़काव कर पाएंगे, क्योंकि सोनीपत कृषि विज्ञान केंद्र में आधुनिक कृषि ड्रोन पहुंच गया है.
सोनीपत कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा ड्रोन खरीदने से पहले ड्रोन का डेमो रबी सीजन के दौरान किसानों को दिया था, जिसके अंतर्गत करीब 7 लाख रुपये का बजट सरकार द्वारा पास किया गया था. कृषि विज्ञान केंद्र ने विभिन्न गांवों में पहुंचकर किसानों को ड्रोन स्प्रे का डेमो दिया था. इसके लिए किसान से किसी भी प्रकार का कोई किराया नहीं लिया गया था.
10 लीटर होगी क्षमता
ड्रोन की क्षमता की बात करें तो ड्रोन एक टाइम पर 10 लीटर स्प्रे लेकर उड़ सकता है. ड्रोन की स्प्रे नोजल में सेंसर लगे हुए हैं और आधुनिक तकनीक से लैस हैं. ऐसे में प्रत्येक पौधे पर समान रूप से दवाइयों का स्प्रे हो पाएगा. ड्रोन से एक तरफ जहां जल्दी काम पूरा हो पाएगा, वहीं दूसरी तरफ किसान को शारीरिक नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा. किसान की मेहनत व समय दोनों की बचत होगी.
कृषि विज्ञान केंद्र अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में ड्रोन सिर्फ स्पे के लिए तैयार किया गया है, लेकिन जल्द ही इस ड्रोन पर स्पेशल कैमरे भी लगाए जाएंगे. इसके बाद ड्रोन के माध्यम से फसल के स्कैन करने की तकनीक भी किसानों के काम आएगी, क्योंकि फसल स्कैन होने के बाद ड्रोन के माध्यम से ही जिस क्षेत्र में फसल में बीमारी है, सिर्फ उसी क्षेत्र में स्प्रे किया जा सकेगा. इससे एक तरफ जहां फसलों में अतिरिक्त कीटनाशकों के स्प्रे से गुणवत्ता पर पड़ने वाला असर खत्म हो जाएगा, वहीं बीमारी भी दूर हो जाएगी.
फसल को करेगा स्कैन
कृषि विज्ञान केंद्र में करीब 10 लाख रुपये की लागत का ड्रोन पहुंच गया है, परन्तु अभी कंपनी द्वारा दी जाने वाली ट्रायल प्रक्रिया पूरी नही हो पाई है. वहीं पायलेट लाइसेंस की प्रक्रिया भी बची हुई है. जल्द ही ये दोनों प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद खरीफ सीजन में किसान कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से आधुनिक कृषि ड्रोन का लाभ उठा सकते हैं. यह ड्रोन स्प्रे करने के साथ-साथ फसल स्कैन करने के काम भी करेगा.
Input: Sunil Kumar