परंपरागत खेती छोड़ने में मदद कर रही सरकारी नीतियां, कुरुक्षेत्र के किसान उठा रहे भरपूर लाभ
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परंपरागत खेती छोड़ने में मदद कर रही सरकारी नीतियां, कुरुक्षेत्र के किसान उठा रहे भरपूर लाभ

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के किसान सरकार की नीतियों से गदगद हैं. यहां किसान परंपरागत खेती छोड़ प्रगतिशील किसान बन रहे हैं. वहीं किसान सरकार द्वारा मिल रही योजनाओं का पूरा फायदा उठाकर अच्छा लाभ उठा रहे हैं.

परंपरागत खेती छोड़ने में मदद कर रही सरकारी नीतियां, कुरुक्षेत्र के किसान उठा रहे भरपूर लाभ

दर्शन कैत/कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के किसान सरकार की नीतियों से गदगद हैं. यहां किसान परंपरागत खेती छोड़ प्रगतिशील किसान बन रहे हैं. वहीं किसान सरकार द्वारा मिल रही योजनाओं का पूरा फायदा उठाकर अच्छा लाभ उठा रहे हैं. इस बारे में जानकारी लेने के लिए हमारी ज़ी मीडिया की टीम ने विभिन्न किसानों से बातचीत की.

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प्रगतिशील किसान नरेश कुमार के अनुसार सरकार ने किसानों के हित के लिए बहुत सी योजनाएं शुरू की है. उन्होंने कहा कि वह पिछले 6 वर्षों से बागवानी से जुड़े हैं और सरकार व कृषि विभाग का उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों की अज्ञानता रुझान न होने के कारण वे नुकसान कर रहे हैं. यदि वे 1 एकड़ में भी फसल लगाएं तो बेहद लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि अमरूद के बाग लगाने पर हजारों रुपये सब्सिडी मिलती है.

वहीं किसान संजीव कुमार कहते हैं कि उन्होंने 3 एकड़ में नेट हाउस लगाया हुआ है, जबकि 9 एकड़ में स्मॉल ड्रिप इरिगेशन से पॉलीहाउस लगाया हुआ है और वह ऑर्गेनिक फसल उगाते हैं. सरकार की ओर से पॉलीहाउस लगाने पर 50% सब्सिडी मिलती है. बागवानी फसल का बीमा भी कराया जाता है.

जिला बागवानी अधिकारी सतनारायण कहते हैं कि किसान परंपरागत खेती छोड़कर प्रगतिशील किसान बन रहे हैं और सरकार किसानों के उन्नति के लिए बेहद प्रयासरत है. किसान एक ही एकड़ में सब्जी लगा रहे हैं. फूल फल की खेती कर रहे हैं. नेट पॉलीहाउस ड्रिप सिस्टम से ऑर्गेनिक खेती की जा रही है. उन्होंने कहा कि 2500 एकड़ में मेरा पानी मेरी विरासत में किसानों ने अपना नाम अंकित कराया, जबकि 4000 किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ मिला.

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