हरियाणा में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से गई मासूम की जान, मेडिकल स्टोर की आड़ में चल रहा था क्लीनिक
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हरियाणा में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से गई मासूम की जान, मेडिकल स्टोर की आड़ में चल रहा था क्लीनिक

करनाल के गांव दरड़ में एक झोलाझाप डॉक्टर के लालच की वजह से एक मासूम की जान चली गई. आरोपी शहर के किसी अस्पताल में कंपाउंडर का काम करता है और गांव में एक मेडिकल स्टोर खोल रखा है, जिसकी आड़ में वह क्लीनिक भी चला रहा था.

हरियाणा में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से गई मासूम की जान, मेडिकल स्टोर की आड़ में चल रहा था क्लीनिक

कमरजीत सिंह/करनाल: हरियाणा में करनाल के गांव दरड़ में झोलाछाप डॉक्टर की गलत दवाई से 4 महीने के बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद ग्रामीणों और परिजनों ने गांव में जमकर हंगामा किया. हंगामे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मेडिकल स्टोर पर बैठे दो लड़कों को राउंडअप कर मामले की जांच शुरू कर दी.

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बता दें कि करनाल के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले एक कंपाउंडर ने गांव दरड़ में मेडिकल स्टोर खोल रखा था. मेडिकल स्टोर की आड़ में यह झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक भी चला रहा था. मेडिकल स्टोर के पिछले हिस्से में दो बेड डाल रखे थे, जहां पर मरीजों को लेटा कर उन्हें ग्लूकोज और दवाइयां दी जाती थी. आरोपी ने स्टोर पर काम के लिए लड़कों को भी छोड़ा हुआ था जो आरोपी कंपाउंडर से फोन पर बात करके मरीजों को दवाइयां देते थे.

बच्चे के इलाज के लिए 6 हजार रुपये
गांव दरड़ निवासी सन्नी ने बताया कि उसके बेटे को काफी दिनों से बुखार आ रहा था, जिसके चलते वह अपने बेटे को इलाज के लिए करनाल के निजी अस्पताल में लेकर गया. वहां पर कंपाउंडर उसे मिला और कहा कि यहां पर क्यों इतने पैसे खराब कर रहा है. तुम गांव में मेरे स्टोर पर चले जाओ, वहां पर तुम्हारे बेटे का इलाज कर देंगे. इसके बाद वह उसकी बातों में आ गया और अपने बेटे का इलाज वहां पर करवाना शुरू कर दिया. तीन दिन इलाज करने के आरोपी ने उससे 6 हजार रुपये ले लिए. 

सन्नी ने बताया कि उसके बेटे को रविवार रात को तेज बुखार हो गया. सुबह झोलाछाप डॉक्टर से बात की तो उसने कहा की स्टोर पर चले जाओ, वहां से दवाइयां ले आना. इसके बाद जो दवा उसके स्टोर से उसे मिली वह उसने अपने बेटे को दी. कुछ देर बाद उसके बेटे के पेट में दर्द होने लगा, जिसके बाद दोबारा वह उसके मेडिकल स्टोर पर गया. वहां पर जो लड़के काम कर रहे थे उन्होंने आरोपी से फोन पर बात की. उसने लड़के को दूसरी दवाई देने को कहा. इसके बाद सन्नी ने बताया कि जब उसने 4 माह के बेटे को दोबारा दवा दी तो उसकी तबियत बिगड़ने लगी. आनन फानन में बेटे को वह सरकारी अस्पताल में लेकर आए, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया. इसके बाद वह समर को निजी अस्पताल में लेकर गए. वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृतक घोषित कर दिया.

बच्चे की मौत की सूचना जब परिजनों को मिली तो वह गांव में मेडिकल स्टोर के बाहर पहुंचे और वहां पर हंगामा कर दिया. हंगामा होता देख और भी ग्रामीण वहां पर एकत्रित हो गए. देर रात को जब पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत करवाया. वहीं मेडिकल स्टोर पर काम कर रहे दो लड़कों को पूछताछ के लिए राउंडअप किया.

रात को मौके पर पहुंचे रंबा चौकी इंचार्ज अंकित ने बताया कि पुलिस ने फिलहाल शव को कब्जे ले लिया है. परिजन झोलाछाप डॉक्टर पर गलत दवा देने के आरोप लगा रहे हैं. मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग को भी दे गई है. जो अब मेडिकल स्टोर सहित अन्य कागजों की भी जांच करेगी. आज बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. परिजनों की शिकायत के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी.

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