हरियाणा की सभी शुगर मिलों में 12 दिसंबर को किसान देंगे सांकेतिक धरना
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हरियाणा की सभी शुगर मिलों में 12 दिसंबर को किसान देंगे सांकेतिक धरना

शुगर मिलों को चले 1 महीना से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं दिया गया है. सरकार ने 14 दिन के अंदर गन्ने का भुगतान न करने पर ब्याज सहित भुगतान की बात कही थी

हरियाणा की सभी शुगर मिलों में 12 दिसंबर को किसान देंगे सांकेतिक धरना

कमरजीत सिंह/करनाल: इंद्री अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन और गन्ना एक्शन कमेटी की एक संयुक्त मीटिंग हुई.  शुगर मिलों द्वारा गन्ने का भुगतान न करने और सरकार द्वारा गन्ने का रेट निर्धारित न करने के विरोध में रोष प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर किसानों में सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी कर 12 दिसंबर को प्रदेशभर की सभी शुगर मिलों में 11 से 1 बजे तक सांकेतिक धरना देने का ऐलान किया. धरने के बाद किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा. 

गन्ना एक्शन कमेटी के प्रधान रामपाल चहल ने कहा कि हरियाणा में शुगर मिलों को चले 1 महीना से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं दिया गया है. सरकार ने 14 दिन के अंदर गन्ने का भुगतान न करने पर ब्याज सहित भुगतान की बात कही थी. इसके बावजूद भी आज तक न तो भुगतान दिया गया और न ही गन्ने का रेट घोषित किया गया. 

उन्होंने कहा कि हरियाणा में गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर कई बार सरकार को पत्र लिखे गए. इतना ही नहीं इस बारे में 4 बार मुख्यमंत्री कार्यालय में मिलने का समय मांगा गया, लेकिन आज तक भी मुख्यमंत्री ने किसानों को मिलने का समय नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि हरियाणा पूरे देश में गन्ने का रेट सबसे अधिक देने के लिए विख्यात रहा है पर इस बार पंजाब में गन्ने का रेट ₹380 क्विंटल देकर हरियाणा को पीछे छोड़ दिया. हरियाणा में पिछले साल से ₹362 प्रति क्विंटल की दर से गन्ने का रेट है. महंगाई कई गुना बढ़ जाने से खाद, दवाइयों, बीज व अन्य खेती में उपयोग होने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं. बावजूद इसके सरकार ने अभी तक गन्ने के दाम नहीं बढ़ाए.

किसानों ने हरियाणा में गन्ने का रेट ₹450 प्रति क्विंटल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि गन्ने से निकलने वाली खोई भी ₹400 प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि गन्ने से रस निकालकर चीनी व अन्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं. उन्होंने हैरानी जताई कि जब शुगर मिल चला था तो हरियाणा के मंत्रियों ने ऐलान किया था कि हरियाणा में गन्ने का रेट देश के अन्य राज्यों से सबसे अधिक दिया जाएगा, लेकिन अभी तक उस पर कोई अमल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि किसानों में गन्ने का भुगतान न होने व गन्ने का नया रेट घोषित न होने के विरोध में भारी गुस्सा है.

किसानों की आवाज दबाने का आरोप 
भारतीय किसान यूनियन (BKU) चढूनी ग्रुप के इंद्री हल्का प्रधान मनजीत सिंह लालर ने कहा कि हरियाणा की सरकार बिना आंदोलन व प्रदर्शन किए कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है. वैसे तो भाजपा सरकार किसान विरोधी काम कर रही है. जब भी किसान आवाज उठाते हैं, भाजपा सरकार उसे दबा देती है. 

किसानों को मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता बनाना पड़ता है. प्रदेश में 1 महीने से गन्ने का पिराई का सतर चल रहा है मगर अभी तक गन्ने का ना तो रेट तय किया गया और न ही गन्ने का भुगतान किसानों को दिया गया, जिस वजह से किसानों को भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह नियम है कि मिल चलने से पूर्व गन्ने का रेट घोषित किया जाता है पर अभी तक गन्ने का रेट घोषित न होने से किसानों में निराशा का माहौल बना हुआ है.

 

 

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