Jhajjar: जमीन मुआवजे के लिए किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, ताली-थाली बजाकर सरकार को जगाया
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Jhajjar: जमीन मुआवजे के लिए किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, ताली-थाली बजाकर सरकार को जगाया

हरियाणा के केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को अपना ट्रैक्टर मार्च निकाला और उपायुक्त का घेराव करने के लिए झज्जर पहुंचे. किसानों के इस ट्रैक्टर मार्च में महिला किसान भी शामिल रहीं.

Jhajjar: जमीन मुआवजे के लिए किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, ताली-थाली बजाकर सरकार को जगाया

जगदीप/ झज्जर: हरियाणा के केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को अपना ट्रैक्टर मार्च निकाला और उपायुक्त का घेराव करने के लिए झज्जर पहुंचे. किसानों के इस ट्रैक्टर मार्च में महिला किसान भी शामिल रहीं. महिला किसान नेअपने हाथों में थालियां लिए हुए थी. झज्जर लघु सचिवालय परिसर में पुलिस प्रशासन द्वारा बैरिकेटस लगाकर आंदोलनकारी किसानों को पहले ही रोक लिया गया. यहां किसानों और खासकर महिला किसान ताली और थाली बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया.

यहां प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर, नारेबाजी भी की. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला उपायुक्त मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों में से ही कुछ किसानों की कमेटी गठित कर उस प्रतिनिधि मंडल से अपने कार्यालय में बातचीत किए जाने की बात कही. बाद में किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल उपायुक्त कार्यालय में उपायुक्त शक्ति सिंह के साथ मंत्रणा करने के लिए पहुंचा. यहां काफी देर तक चली बैठक के बाद किसानों के इस प्रतिनिधि मंडल को किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए तीन-चार दिन का समय मांगा गया. 

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किसान नेता रमेश दलाल ने बताया कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के मुआवजे को लेकर पिछले काफी लंबे समय से किसान केएमपी पर धरने पर बैठे हुए है. सीएम की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार चल रहा है और दस फरवरी तक उनकी मांग के परिणाम सामने आ जाएगें. जब दस फरवरी तक उन्हें इस मामले में कोई समाधान दिखाई नहीं दिया तो आज वह यहां लघु सचिवालय में सरकार को जगाने का प्रयास करने आए है. जहां किसानों ने ताली और थाली बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया गया है कि सरकार अपनी कुम्भकर्ण की नींद से जागे. यह एक तरह से सांकेतिक आंदोलन था. 

बता दें कि किसान अपने आंदोलन को स्थगित नहीं कर रहे है, लेकिन वह इतना जरूर बता रहे हैं कि अगर समय रहते उनकी सभी मांगों पूरी नहीं की गई तो फिर अगली वह तारीख ही रखेंगे. उस तारीख को पूरे झज्जर को चारों तरफ पक्के मोर्चें लगाकर जाम कर दिया जाएगा. किसान नेता ने कहा कि आम जनता को परेशान करना उनका मकसद नहीं है, लेकिन वह प्रशासन को किसी भी सूरत में काम नहीं करने देंगे. उन्होंने सीएम से भी से अपील की कि वह इस मामले में लापरवाहीं बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे. 
उन्होंने कहा कि मांडोठी टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों ने रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी. उस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने 10 दिन के अंदर मुआवजा बढ़ाने का आश्वासन किसानों को दिया था. साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह भी कहा था कि जो मांगे केंद्र के स्तर की हैं उन मांगों को पूरा करवाने के लिए हरियाणा सरकार केंद्र को चिट्ठी लिखेगी. पर 10 दिन बीत जाने के बाद भी न तो सरकार की ओर से केंद्र को चिट्ठी लिखी गई और न ही किसानों का मुआवजा बढ़ाया गया. जिससे किसानों में भारी रोष है.

किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि प्रदर्शन के जरिये डीसी को ज्ञापन सौंपा जा रहा है. मांडोठी टोल पर किसानों का धरना लगातार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मुआवजा मिले 10 करोड़ तभी निकलेंगे रेल और रोड. रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने के साथ-साथ किसान इस आंदोलन के जरिये अपनी 10 मांगे मनवाना चाहते हैं. 
किसान चाहते हैं कि मांगे में ये मांगे भी शामिल है. 
- हरियाणा का अलग हाईकोर्ट बने
- हरियाणा को SYL का पानी मिले
- पंजाब में शामिल 108 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में शामिल किए जाएं
- इतना ही नहीं उन्होंने दीनबंधु सर छोटू राम, चौधरी देवी लाल, जाट कवि मेहर सिंह को भारत रतन दिलवाने की भी मांग की है. 

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