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Raju Story: गाजियाबाद के शहीद नगर इलाके से अपहरण किए गए राजू के 30 साल बाद खोए हुए परिवार से मिलने के मामले में पुलिस ने आखिरकार सच का पता लगा ही लिया. खुद को राजू बताने वाले शख्स का असली नाम इंद्रराज है और राजस्थान के जैतसर का रहने वाला है. इंद्रराज पेशे से शातिर चोर है, जो नाम बदल-बदलकर कई राज्यों के उन परिवारों में बेटा बनकर रह चुका है, जो वर्षों पहले लापता हो चुके थे. भोला सा दिखाई देने वाला राजू उर्फ पन्नू भीम इतना शातिर है कि अलग-अलग राज्यों में सभी को खुद के अपहरण की एक जैसी कहानी सुनाता था और कई घरों में बेटा बनकर रह चुका था. पंजाब में आए पैरालिटिक अटैक के बाद लगी चोट की वजह उसने मारपीट बताकर लोगों की सहानुभूति बटोरी. वह ऐसा क्यों करता है, जब पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई तो पुलिस भी हैरान रह गई.
दरअसल 24 नवंबर को एक युवक दयनीय स्थिति में गाजियाबाद के खोड़ा थाने पहुंचा. उसने खुद का नाम राजू बताया. राजू ने बताया कि 20-25 साल पहले उसका गाजियाबाद से अपहरण कर लिया गया था. उसने बताया था कि अपहरण के बाद उसे राजस्थान ले जाया गया. वहां उसे बंधक बनाकर रखा जाता था और भेड़ बकरियों को चराने का काम सौंपा गया था. एक ट्रक ड्राइवर की मदद से वह वहां से भाग निकला और गाजियाबाद पहुंच गया. इसके बाद पुलिस उसके परिवार का पता लगाने की कोशिश शुरू करती है. इस बीच युवक ने रिटायर्ड बिजली कर्मचारी तुलाराम के परिवार की पहचान कर उसे अपना बताया.
करीब तीन दशक पहले इस परिवार का भी एक बेटा गायब हो गया था. इसके बाद पुलिस ने उसे तुलाराम के परिवार को सौंप दिया. अब तक सब सही चल रहा था, लेकिन उसकी संदिग्ध हरकतों की वजह से परिवार को शक हुआ. उसने डीएनए टेस्ट करा लिया, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी है. इस बीच राजू की तस्वीर उत्तराखंड की रहने वाली महिला आशा शर्मा के साथ सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गाजियाबाद पुलिस उलझ गई, क्योंकि अपने संज्ञान में वह राजू को उसके परिवार को पहले ही सौंप चुकी थी. जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि राजू जुलाई में देहरादून की आशा शर्मा का खोया बेटा मोनू बनकर उसके साथ रहा था और काम की तलाश में दिल्ली आया था.
जैतसर का रहने वाला है आरोपी
गाजियाबाद पुलिस तुकाराम के घर पहुंची और राजू को अपने साथ ले गई और देहरादून रवाना हो गई. सर्विलांस की मदद से राजू के तार राजस्थान से जुड़े मिले. एक टीम राजस्थान भेजी गई, जहां राजू के बारे जो जानकारी मिली, वह चौंकाने के लिए काफी थी. पुलिस जब राजू से पूछताछ करती है तो वह सारा सच उगल देता है. उसने बताया कि उसका असली नाम इंद्रराज है और राजस्थान के जैतसर निवासी चुन्नीलाल का बेटा है.
नए शहर में नया नाम रखकर रहता था
बचपन से ही इंद्रराज को चोरी करने की लत लग गई थी. चोरी की लत से परेशान होकर 2005 में उसे घर से बेदखल कर दिया गया था. इसके बाद इंद्रराज ने आगे की जिंदगी चलाने के लिए एक तरीका खोज लिया. वह अलग-अलग स्थानों पर जाकर लोगों की भावनाओं से खेलना शुरू कर दिया. पूछताछ में पता चला कि आरोपी इंद्रराज देहरादून में आशा शर्मा का मोनू, गाजियाबाद में राजू, सीकर में पंकज, गंगानगर में आसाराम बनकर उन परिवारों के साथ साथ रहा, जो कभी अपने बेटों को खो चुके थे. इसके अलावा भी शातिर इंद्रराज, भटिण्डा, जैसलमेर, हिसार और सिरसा में अलग-अलग घरों में बेटा बनकर रह चुका है.
आरोपी बोला, खाना खाने के लिए घरों में जाता था
डीसीपी ट्रांसहिंडन निमेष पाटिल के मुताबिक पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी इंद्रराज राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के रावतसर में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां जेवरात चोरी में जेल भी जा चुका है. पकड़े जाने के बाद इंद्रराज ने कहा कि मां के मरने के बाद वह केवल खाना खाने के लिए अलग-अलग घरों में रहता था. पुलिस अब उसे ठगी, हाउस ट्रेस पासिंग के आरोप में जेल भेजने की तैयारी कर रही है.
इनपुट: पीयूष गौड़
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