दिल्ली-एनसीआर के लोगों की सांसों में पराली का जहर, किसानों ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1416010

दिल्ली-एनसीआर के लोगों की सांसों में पराली का जहर, किसानों ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार

फतेहाबाद में किसानों ने पराली जाने की बात कही, साथ ही प्रशासन से किसानों ने मशीनें उपलब्ध कराने की मांग की है. अगर मशीनें न मिलीं तो 2 नवंबर से पराली जलाने की चेतावनी दे दी.

दिल्ली-एनसीआर के लोगों की सांसों में पराली का जहर, किसानों ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार

 गगन रुखाया/फतेहाबाद: दिल्ली और हरियाणा की हवा और भी जहरीली हो सकती है. इसका कारण हरियाणा का फतेहाबाद प्रशासन बन सकता है. दरअसल, पराली जलाने को लेकर एक तरफ जहां प्रशासन सख्त नजर आ रहा है तो वहीं अब किसान जत्थेबंदियों ने भी सीधे-सीधे प्रशासन को चेतावनी दे दी है. जत्थेबंदियों की मांग है कि 1 तारीख तक किसानों को मशीनें उपलब्ध करवाएं नहीं तो 2 तारीख से वे पराली जलाएंगे. जिसका जिम्मेवार किसान नहीं प्रशासन होगा. 

किसानों ने आदमपुर उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ उतरने का फैसला भी किया है. किसान नेता मनदीप नथवान ने कहा कि 30 तारीख को किसान सुबह साढ़े 10 बजे चूली बागड़ियां से रोष मार्च निकाला जाएगा और भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद होगी.

आज किसानों ने भारी संख्या में पगड़ी संभाल जट्टा के झंडे के तले लघु सचिवालय पहुंचे और पराली समस्या के हल की मांग उठाई. मनदीप नथवान ने कहा कि पिछले 3-4 सालों से पराली को लेकर धरने दिए जा रहे हैं, लेकिन किसानों के खिलाफ ही कार्रवाई की जा रही है. इस बार भी डीएपी नहीं मिल रही, लेकिन ब्लैक हो रही है. सरकार को इसका खामियाजा आदमपुर उपचुनाव में भुगतना होगा. 

उन्होंने कहा कि खेत में आग लगा दें तो पूरा प्रशासन पहुंच जाता है, लेकिन खेत में प्राकृतिक आपदा से फसल खराब हो तो वहां कोई जाता ही नहीं. नथवान ने कहा कि किसानों के लिए मशीनों का प्रबंध सरकार व प्रशासन नहीं कर रहा तो मजबूरी में किसान आग लगाएंगे. 1 नवंबर तक किसानों को मशीनें उपलब्ध करवाई जाएं नहीं तो 2 तारीख को किसान पराली को आग लगाएंगे, जिसके जिम्मेवार किसान नहीं होंगे, बल्कि प्रशासन होगा.

ये भी पढ़ें- प्रदूषण से बेहाल Delhi-NCR, 16 जगहों पर AQI पहुंचा 400 पार, जानें अपने शहर का हाल

आपको बता दें कि इस साल पराली जलाने के आंकडे़ चौंकाने वाले हैं. हरियाणा में साल 2021 में 2,252 जबकि इस साल 1,701 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में 24% की कमी दर्ज की गई है. इससे दिल्ली एनसीआर की आबोहवा भी सुधरी है. हालांकि दिल्ली में पराली जाने के मामले पांच गुना बढ़ गए हैं. पिछले साल जहां एक भी केस पराले जाने का नहीं आया था, वहीं अब तक दिल्ली में 5 मामले में सामने आ चुके हैं. 

खेल मंत्री ने आदमपुर में कराए विकास कार्य गिनाकर विपक्ष का कराया मुंह बंद

हालांकि आंकड़ों पर नजर डालें तो थोड़े परेशान करने वाले हैं. 15 सितंबर से 28 अक्टूबर 2022 तक पंजाब में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. यहां करीब डेढ़ महीने में 10,214 (77.44%) घटनाएं सामने आईं. जबकि हरियाणा से 1701 यानी (12.90%), यूपी से 632 (4.79%), दिल्ली से 5 (0.04%), राजस्थान से 190 (1.44%), मध्य प्रदेश से 448 (3.40%) पराली जलाने के मामले आ चुके हैं.