Farmer Protest: आज कुरुक्षेत्र पहुंचेंगी शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा, 22 मार्च को हिसार में होगा शहीदी समागम
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Farmer Protest: आज कुरुक्षेत्र पहुंचेंगी शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा, 22 मार्च को हिसार में होगा शहीदी समागम

Farmer Protest: किसान नेताओं द्वारा शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा निकाली जा रही है, जो आज यमुनानगर होते हुए कुरुक्षेत्र जिले में प्रवेश करेगी. वहीं आगामी 22 मार्च को हिसार में शहीदी समागम का भी आयोजन किया जाएगा. 

Farmer Protest: आज कुरुक्षेत्र पहुंचेंगी शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा, 22 मार्च को हिसार में होगा शहीदी समागम

Farmer Protest: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसान अपनी मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 36 दिनों से डटे हुए हैं. आज किसानों के आंदोलन का 37वां दिन है. 21 फरवरी को दिल्ली कूच के ऐलान के बाद किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प में युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई, जिसके बाद किसान शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा निकाल रहे हैं. आज अस्थि कलश यात्रा यमुनानगर होते हुए कुरुक्षेत्र जिले में प्रवेश करेगी. 

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 हरियाणा के इन जिलों में निकलेगी अस्थि कलश यात्रा 
आज शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा यमुनानगर होते हुए कुरुक्षेत्र पहुंचेंगीी. इसके बाद करनाल, कैथल और फिर अंबाला जिले के गांवों में अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी. 

शहीदी समागम का भी आयोजन
हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे किसान लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. अस्थि कलश यात्रा के साथ ही किसानों द्वारा शहीदी समागम का भी आयोजन किया जाएगा. 22 मार्च को हरियाणा के हिसार में और 31 मार्च को अंबाला की मोहड़ा अनाज मंडी में शहीदी समागम का आयोजन होगा.

इन प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान
-  MSP पर फसलों की खरीद की गारंटी का कानून
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय हो
- किसानों, मजदूरों का कर्जा माफ हो
- 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपए मजदूरी
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों के लिए कड़ा कानून
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन 
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए 

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