Dwarka Expressway: 2 बड़े शहरों का खत्म होगा जाम, 20 मिनट में पहुंचेंगे गुरुग्राम, बुर्ज खलीफा भी इसके आगे होगा फैल
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Dwarka Expressway: 2 बड़े शहरों का खत्म होगा जाम, 20 मिनट में पहुंचेंगे गुरुग्राम, बुर्ज खलीफा भी इसके आगे होगा फैल

Dwarka Expressway: द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली- NCR और उससे जुड़े आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों का अब सफर आसान होने जा रहा है. इसी के साथ लोगों अब लंबे जाम से भी राहत मिलने वाली है. द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे और द्वारका एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ने से फरीदाबाद और दिल्ली के लोगों को भी बड़ा लाभ होने वाला है. 

Dwarka Expressway: 2 बड़े शहरों का खत्म होगा जाम, 20 मिनट में पहुंचेंगे गुरुग्राम, बुर्ज खलीफा भी इसके आगे होगा फैल

Dwarka Expressway: रोजाना दिल्ली से गुरुग्राम तक सफर करते हैं तो यह आपके लिए एक अच्छी और बड़ी खबर है. क्योंकि, अब आपका सफर आसान होने वाला है. जल्द ही दिल्ली, गुरुग्राम को जोड़ने वाला द्वारका एक्सप्रेसवे रफ्तार भरने वाला है. आने वाले कुछ ही दिनों में दिल्ली और गुरुग्राम के बीच लगने वाले जाम से अब दिल्ला- NCR के लोगों को राहत मिलने वाली है. जहां लोग रोजाना ऑफिस जाते हुए और ऑफिस से आते वक्त जाम में फंसे रहते हैं. उनको जाम मुक्त सड़क मिलेगी, जिससे उनका काफी टाइम बचेग.

द्वारका एक्सप्रेसवे के बनने के बाद दिल्ली से गुरुग्राम महज 25 मिनट का समय लगेगा. वहीं मानेसर से सिंघु बॉर्डर तो लोग 45 मिनट में ही पहुंच जाएंगे. एक्सप्रेसवे से यात्रियों को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग मिलेगा. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर लगभग 50 प्रतिशत यातायात कम करने में भी मदद मिलेगी. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद हर दिन 12 लाख वाहनों का दबाव मुख्य मार्गों से घट जाएगा. इसी के साथ द्वारका से गुरुग्राम जाते हुए लोगों को एलिवेटेड एक्सप्रेस वे का आनंद उठाने को मिलेगा.

ये देश का पहला एलिवेडेट एक्सप्रेस वे है. इस एक्सप्रेस के बनने से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए भी आसानी से कनेक्टिविटी मिलेगी. इस एक्सप्रेस वे का कुछ ही हिस्सा जमीन पर है बाकी पिलरों पर बना गया है. द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है. इसमें आठ लेन में पहला सिंगल पिलर फ्लाईओवर बना है. द्वारका एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 29.6 किलोमीटर है. इसकी सबसे खास बात है ये है कि देश का पहला सिंगल पिलर एक्सप्रेस वे है.

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द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियत

-- सिंगल पिलर पर 34 मीटर चौड़ा और दिल्ली में 10.1 किमी लंबाई का ये रोड

-- द्वारका एक्सप्रेस वे को चार भागों में बनाया गया है.

-- इसके दो भाग दिल्ली में हैं वहीं दो भाग हरियाणा में हैं.

-- पहला भाग- शिव मूर्ति से द्वारका एक्सप्रेस वे

-- दूसरा भाग- दिल्ली बिजवासन से हरियाणा

-- तीसरा भाग- बसई से हरियाणा बॉर्डर धनकोट

-- चौथा भाग- हरियाणा बॉर्डर से NH-8

-- दिल्ली से गुरुग्राम जाने में 20 से 25 मिनट का समय

-- द्वारका से मानेसर जाने में 15 मिनट

-- मानेसर से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जाने में 20 मिनट

-- द्वारका से सिंधु बॉर्डर तक जाने में 25 मिनट

-- मानेसर से सिंधु बॉर्डर तक 45 मिनट

-- एक्सप्रेसवे पर दिल्ली में देश की सबसे चौड़ी 3.6 किमी लंबाई की 8-लेन टनल बनाई गई है.

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ये एक्सप्रेस वे NH- 48 पर शिव मूर्ति से शुरू होगा और गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा पर खत्म होगा. गुड़गांव को जोड़ने वाले लिंक रोड का निर्माण पूरा कर लिया गया है. ये द्वारका एक्सप्रेसवे के ही चार भागों में से एक है. ट्रैफिक से बचने के लिए इस एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर एंट्री पाइंट का निर्माण किया गया है. इस 8 लेन एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ तीन लेन सर्विस रोड है. ये एक्सप्रेस वे नेचवर्क के चार स्तर हैं. टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड, एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाया गया है. यह दिल्ली में देश की सबसे चौड़ी 3.6 किमी लंबाई की 8-लेन टनल बनाई गई है.

पैदल चलने वाले लोगों के लिए ये है सुविधा

देश के इस सबसे छोटे एक्सप्रेसवे पर 20 फ्लाईओवर और ब्रिज बन रहे हैं, जबकि दो रेलवे ब्रिज, 11 व्हीकल अंडरपास और 20 अंडरग्राउंड पैदल पार पथ है. इसके अलावा, 2.5 मीटर लंबा साइकिल और बाइक के लिए रोड है. इस एक्सप्रेसवे में 4-लेवल रोड नेटवर्क शामिल है, जिसमें फ्लाईओवर, सुरंग, अंडरपास, ग्रेड रोड, एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर होंगे. 2 हजार वृक्षों का ट्रांसप्लांट भी किया गया है जो कि भारत में इतने बड़े स्तर पर पहले कभी नहीं हुआ. यह एक्सप्रेसवे एक इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (ITS) सुविधा से लैस होगा.

बुर्ज खलीफा को भी देगा मात द्वारका एक्सप्रेसवे

करीब 2.07 लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जो कि प्रतिष्ठित एफिल टॉवर को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए स्टील से 30 गुना ज्यादा है. एक्सप्रेसवे में करीब 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का भी इस्तेमाल किया गया है, जो दुनिया की सबसे ऊंची इमारत, बुर्ज खलीफा को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए कंक्रीट से 6 गुना ज्यादा है. इसके बनने के बाद एयरपोर्ट, गुरुग्राम,  वसंत कुंज, द्वारका और अलीपुर की तरफ आना-जाना आसान हो जाएगा. हाईटेक सुविधाओं से लैस इस टनल में सीसीटीवी कैमरे,  उनकी मॉनिटरिंग के लिए अलग से एक वॉर रूम भी तैयार हो रहा है.

ट्रैफिक कम होने की उम्मीद

द्वारका एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद पानीपत, सोनीपत या फिर सिंधु बॉर्डर से आने वाले लोग सीधे सिंधु बॉर्डर के नजदीक से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ सकेंगे. इसके बाद 20 मिनट में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे. 28 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे दिल्ली के सिंधु बॉर्डर से अलीपुर के पास शुरू होता है और गुरुग्राम के हाइवे को जोड़ता है. इसके जरिए रिंग रोड पर लगभग 40 से 50 फीसदी ट्रैफिक कम होने की उम्मीद है. खेड़की दौला टोल प्लाजा के नजदीक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के ऊपर फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर का निर्माण लगभग एक साल पहले ही कंप्लीट हो गया है.

फरीदाबाद और दिल्ली के लोगों को भी मिलेगा लाभ

द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम भाग को चालू न किए जाने से फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर को भी चालू नहीं हो सका है. इसका निर्माण सदर्न पेरिफेरल रोड, दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे और द्वारका एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ने के लिए किया गया है. सदर्न पेरिफेरल रोड एक तरफ गांव घाटा के नजदीक गुरुग्राम फरीदाबाद रोड से जुड़ा है. ऐसे में फरीदाबाद एवं दिल्ली के लोगों को भी लाभ होगा.

दिल्ली और गुरुग्राम को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कनेक्शन

* एक्सेस-नियंत्रित: यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से एक्सेस-नियंत्रित है, जिसका अर्थ है कि केवल वाहनों को ही इस पर जाने की अनुमति है.

* सिग्नल-मुक्त: यह एक्सप्रेसवे सिग्नल-मुक्त है, जिससे यात्रा समय कम हो जाता है.

* अंडरपास: इस एक्सप्रेसवे में कई अंडरपास हैं जो यातायात को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं.

* आधुनिक इंजीनियरिंग: यह एक्सप्रेसवे आधुनिक इंजीनियरिंग का एक शानदार उदाहरण है.

यहां कुछ फायदे दिए गए हैं जो यह एक्सप्रेसवे प्रदान करता है:

* यात्रा समय में कमी: इस एक्सप्रेसवे ने दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा समय को काफी कम कर दिया है.

* यातायात में कमी: इस एक्सप्रेसवे ने दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात को काफी कम कर दिया है.

* आर्थिक विकास: इस एक्सप्रेसवे ने दिल्ली और गुरुग्राम के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है.

* नौकरियां: इस एक्सप्रेसवे ने दिल्ली और गुरुग्राम में नौकरियों के अवसर पैदा किए हैं.