Dev Anand Birthday Anniversery: जानें क्यों कोर्ट ने देव साहब के काले कोट पहनने पर लगाया था प्रतिबंध
Advertisement

Dev Anand Birthday Anniversery: जानें क्यों कोर्ट ने देव साहब के काले कोट पहनने पर लगाया था प्रतिबंध

Dev Anand Birthday: 26 सिंतबर यानी आज अभिनेता देव आनंद साहब का जन्मदिन है. उनको हमारे बीच से गए हुए 1 दशक से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अपनी अदाकारी के चलते वो हम सबके दिलों में हमेशा अमर रहेंगे.

Dev Anand Birthday Anniversery: जानें क्यों कोर्ट ने देव साहब के काले कोट पहनने पर लगाया था प्रतिबंध

Dev Anand: हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार देव आनंद का आज जन्मदिन है. भलें ही वो आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी अदाकारी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. देव आनंद को गुजरे हुए भले ही एक दशक बीत गया है, लेकिन उनके अंदाज और अभिनय के लोग आज भी कायल हैं. देव आनंद 60 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में रोमांस, स्टाइल और दिल को छूने वाले किरदार निभाए थे. देव आनंद शानदार अभिनेता, प्रतिभाशाली निर्देशक और निर्माता थे. आज उनके जन्मदिन के मौके पर उनके बारे में जानते हैं. 

लग गया था काले कोट पहनने पर प्रतिबंध
देव आनंद साहब के इकलौते ऐसे अभिनेता थे, जिनके लुक्स को लेकर लड़कियों में इतनी दिवानगी थी कि कोर्ट को इस मामले में दखल करना पड़ा. कहा जाता है कि जब आनंद काले रंग का कोट पहनकर निकलते थे तो लड़कियां उनको देखने के लिए छतों से कूद जाया करती थीं. बता दें कि देव आनंद अक्सर सफेद शर्ट और काला कोट पहनते थे. कहा जाता है कि देव साहब जब भी काले रंग का सूट पहनकर सार्वजनिक रूप से बाहर निकलते थे तब लड़कियां उन्हें देखकर पागल हो जाती थीं. उनके लिए कुछ भी कर गुजरने की कोशिश करती थीं. इतना ही नहीं कई लड़कियों ने तो उनकी एक झलक पाने के लिए सुसाइड की भी कोशिश की. इसको देखते हुए कोर्ट ने देव आनंद के काले रंग के सूट पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था. ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ था कि जब कोर्ट को किसी के पहनावे के बारे में दखल देना पड़ा था.

अभिनेता अशोक कुमार से हुए थे प्रभावित
देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को पंजाब के शंकरगढ़ में हुआ था. देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरिमल आनंद था. देव आनंद ब्रिटिश सशस्त्र बलों की राजसी भारतीय नौसेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों की वजह से उनका सलेक्शन नहीं हुआ. इसी दौरान उन्होंने अशोक कुमार की अछूत कन्या और किस्मत फिल्म को देखा. इसके बाद ही उन्होंने फिल्मों में एक्टर बनने का निर्णय लिया. 1940 में देव साहब एक्टर बनने का सपना लिए मुंबई आ गए. उन्होंने चर्चगेट स्थित सेना के सेंसर कार्यालय में 65 रुपये महीना वेतन पर काम करना शुरू कर दिया. लगभग 6 साल के लंबे सफर के बाद उनकी पहली फिल्म 'हम एक हैं' आई. 1946 के बाद से 2011 तक दंव साहब फिल्मी जगत में सक्रिय रहे. जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने करियर में लगभग 116 फिल्में की.

Trending news