दिल्ली में जलसंकट को लेकर आए दिन आम आदमी पार्टी की सरकार और हरियाणा की बीजेपी सरकार एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाती रहती है. इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में जलसंकट की असल वजह सामने आ गई है.
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कुलवंत सिंह/यमुनानगर : दिल्ली में जलसंकट को लेकर आए दिन आम आदमी पार्टी की सरकार और हरियाणा की बीजेपी सरकार एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाती रहती है. इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में जलसंकट की असल वजह सामने आ गई है. लगातार बढ़ रही गर्मी के चलते हरियाणा समेत तीन राज्यों में जलसंकट गहराता जा रहा है.
यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से निकलने वाली यमुना नदी आज खुद पानी के संकट से जूझ रही है. आसमान से बरसती आग के बीच वर्तमान में बैराज में 3000 क्यूसेक पानी ही बचा है, जो छोड़े जाने के बाद दिल्ली आने से पहले ही सूख जा रहा है, जिसकी वजह से दिल्लीवासियों को पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है. पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से पानी काफी कम मात्रा में छोड़ा जा रहा है.
पहाड़ियों पर बर्फ के पिघलने या फिर बरसात होने के बाद हथिनी कुंड बैराज के रास्ते यह पानी तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की प्यास बुझाता है इस बार हथिनी कुंड बैराज पर भी पानी की मात्रा काफी कम है. पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो इन दिनों तक बर्फ पिघलने या फिर पहाड़ियों पर बारिश के चलते हरियाणा व दिल्लीवासियों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता था, लेकिन 44 डिग्री के तापमान पहुंचने की वजह से आम जनता के साथ यमुना नदी भी प्यासी नजर आ रही है.
बैराज से दिल्ली और यूपी की ओर पानी छोड़े जाने के दौरान भीषण धूप के चलते पानी बीच रास्ते में ही हवा बनकर उड़ जाता है. ऐसी स्थिति में देश की राजधानी को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.
हथिनीकुंड बैराज पर गेज रीडर शेर सिंह ने कहा कि इस समय पहाड़ों पर बरसात न होने के चलते बैराज पर भी पानी की मात्रा कम है. जितना भी पानी है वह बर्फ का ही पानी है. 16 मई को सबसे कम पानी रहा. वहीं सबसे ज्यादा पानी 8862 क्यूसेक पानी 25 मई को था, लेकिन उसके बाद से लगातार पानी की मात्रा घट रही है.
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सीएम केजरीवाल ने पानी देने का किया था आग्रह
बीते दिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लोगों की प्यास बुझाने के लिए हरियाणा सरकार से और पानी छोड़े जाने का आग्रह किया था. दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया था. जहां से दिल्ली के ज्यादातर इलाकों को पानी सप्लाई किया जाता है.
आमतौर पर यमुना में 8 फीट तक पानी रहता है, जो लोगों के घर तक पहुंचता है. इस दौरान भारद्वाज ने बताया कि मौजूदा समय में अब केवल छह इंच तक पानी बचा है. दिल्ली की प्यास अब हरियाणा ही बुझा सकता है, क्योंकि यह दिल्ली का आश्रित है.