Delhi News: 90 से अधिक विपक्षी सदस्यों के निलंबन पर विपक्ष ने विरोध जताया है. सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन कर सदन की ‘मॉक कार्यवाही’ का आयोजन किया.
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Delhi News: संसद के दोनों सदनों से 90 से अधिक विपक्षी सदस्यों के निलंबन पर विरोध जताते हुए विपक्ष के सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन कर सदन की ‘मॉक कार्यवाही’ का आयोजन किया. निलंबित सांसदों ने संसद के नए भवन के मकर द्वार पर धरना दिया. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा की कार्रवाई के संचालन के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ के बोलने की शैली की नकल की. मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी खड़े थे और वह बनर्जी द्वारा धनखड़ की नकल किए जाने का मोबाइल फोन से वीडियो बनाते देखे गए.
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इससे पहले संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विपक्षी सदस्यों ने प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए. कई विपक्षी सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं, उनको ‘डेमोक्रेसी अंडर सीज’ (लोकतंत्र को बंधक बनाया गया) और कुछ अन्य नारे लिखे हुए थे. उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे भी लगाए गए. खड़गे ने कहा कि हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सुरक्षा चूक के विषय पर गृह मंत्री सदन में आकर बयान दें, वह क्यों भाग रहे हैं, मुझे मालूम नहीं है. संसद का सत्र जारी है, लेकिन वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं. ऐसा कभी नहीं होता है, जो बातें सदन में बोलनी हैं, वह बाहर बोली जाती हैं तो इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र है. पहले गुजरात में भी इसी तरह से विधानसभा चलाई जाती थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यहां तानाशाही चल रही है, उसके खिलाफ लड़ेंगे.
विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक कर आगे की रणनीति तय की. विपक्षी दलों ने यह फैसला किया कि वे संसद की सुरक्षा में सेंध के विषय पर गृह मंत्री अमित शाह के वक्तव्य की मांग करते रहेंगे. संसद में सोमवार को 78 विपक्षी सांसदों को आसन की अवमानना और अशोभनीय आचरण करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जो संसदीय इतिहास में एक दिन में अब तक की, सर्वाधिक सांसदों को निलंबित करने की बड़ी कार्रवाई है. पिछली 13 दिसंबर को लोकसभा से 33 सदस्यों और राज्यसभा से 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था. पिछले बृहस्पतिवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को बीती 24 जुलाई को निलंबित किया गया था.