भाजपा महामंत्री ने कहा कि मेयर हमारी फोन और पैन पर बैन की मांग मान लेती हैं, क्योंकि शरद कपूर हाई कोर्ट चले गए थे. उस पर मेयर को नोटिस जरी हुआ.
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Delhi MCD: MCD चुनाव के बाद सदन में हंगामे की लहर सी शुरू हो गई है. पहले तो मेयर के चुनाव के लिए हंगामा हुआ. वहीं अब स्टैंडिंग कमिटी सदस्यों के चुनाव के लिए भी पिछले कई दिनों से सदन में हंगामा हो रहा है. वहीं इस बीच हमारी ज़ी मीडिया की टीम ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से बात की तो उन्होंने कहा कि वे स्टैंडिंग कमिटी सदस्यों का फिर से न चुनाव होने देंगे न फिर से काउंटिंग होने देंगे. वहीं बीजेपी ने एमसीडी भंग करने की चेतावनी दे डाली है.
AAP के गुंडे तार-तार कर रहे मर्यादा
वहीं दिल्ली भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि कल के सारे दिन का घटनाक्रम बताया. उन्होंने कहा कि पहले तो गैरकानूनी तरीके से 24 घंटे चला सदन और निगम के गठन से लेकर अब तक एक बहुमत वाली पार्टी समझ नहीं आ रहा करना क्या चाहती है. पहले एल्डरमैन की शपथ नहीं होने दी. एलजी ने नामित कर दिया तो शपथ क्यों नही होगी. उस पर झगड़ा हुआ. लगातार सदन के अंदर मर्यादा इनके गुंडे तार-तार कर रहे हैं. विधायक इसलिए नामित हुए हैं ताकि अपने पार्षदों को भड़काते रहें.
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वहीं हर्ष ने कहा कि मेयर डिप्टी मेयर चुनाव ठीकठाक हो जाता है. लोकतंत्र में हमने उम्मीदवार उतारा था. 105 पार्षदों का विपक्ष है. उंस समय चुनाव में मोबाइल प्रतिबंधित था. पेन भी उन्होंने मना करवाया पीठासीन अधिकारी ने मांग मानी. तीसरा चुनाव जब आया तब प्रेसिडिंग ऑफिसर है मेयर. मेयर आते ही बोलती हैं की मोबाइल ले जा सकते हैं. सीक्रेट बैलट है नियम है मोबाइल नहीं जाता, मुकेश गोयल के कहने पर ही यह हुआ. उन्हें अपने आदमियों पर विश्वास नही है. 32 आम आदमी के पार्षद थे. बीजेपी के विरोध में चुनाव रुक जाता है. अलोकतांत्रिक परिक्रिया से निगम के सदस्यों को बंधक बनाकर 24 घंटे सदन चला. 60 साल में ऐसा पहली बार हुआ. सिर्फ महापौर आती है तो हंगामे के कारण हाउस स्थगित करती हैं. एक घंटे के स्थगन में तीन तीन घंटे बाद आती हैं.
शैली ओबेरॉय कर रहीं अलोकतांत्रिक काम
दिल्ली भाजपा महामंत्री ने आगे कहा कि फिर अगले दिन की 24 तारीख की डेट देती हैं और फिर हमारी मांग वे मान लेती हैं, क्योंकि शरद कपूर हाई कोर्ट चले गए थे. उस पर मेयर को नोटिस जरी हुआ. इसलिए मेयर ने दोबारा चुनाव की व्यवस्था दी. मोबाइल पर भी उन्होंने प्रतिबंध लगाया. बीजेपी की मांग पर चुनाव फिर से हुआ. एक व्यक्ति को प्रेफरेंस वोट का अधिकार है. टेक्निकल कमिटी चुनाव आयोग भेजता है. टेक्निकल कमिटी ने चेक किया कि सारे वोट वैलिड है फिर काउंटिंग होती है. सब वोट वैलिड है तब उन्हें भी कोई अप्पति नहीं थी, फिर एक मेंबर आम आदमी पार्टी का हार जाता है. ये बात उन्हें हजम नहीं होती. ये ही काम वे विधानसभा सदन में करते हैं. इसी तरह वे निगम के सदन को चलाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि शैली ओबेरॉय जब से मेयर बनी हैं अलोकतांत्रिक काम कर रही हैं. एक वोट वे इनवैलिड करार दे देती है, जबकि टेक्निकल कमिटी उसे वैलिड बताती है. वे फिर रिकॉउंटिंग की बात करती हैं, जिसका 4 घंटे तक बीजेपी पार्षदों ने विरोध किया. प्रेसिडिंग ऑफिसर का काम परिणाम घोषित करने का है, फिर नामित विधायक मसलमैन पार्षदों को झगड़े के लिए कहते हैं.
वहीं हर्ष मल्होत्रा ने आगे बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और निर्दलीय ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है और इनके पार्षदों ने बीजेपी को वोट दिया है. सारिका चौधरी को सबसे कम वोट मिले हैं. कोई भी आम आदमी पार्टी का नेता इसकी काउंटिंग कर ले. केजरीवाल को हार बर्दाश्त नहीं हो रही है. एक स्वस्थ और सबल विपक्ष के साथ केजरीवाल को बहुमत मिला है.
मैसेज के द्वारा आते हैं इंस्ट्रक्शन
वहीं कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि स्थानीय निकाय लोकतंत्र की पहली सीढ़ी है. 1952 में निगम गठित हुआ, इतने साल में ऐसी घटना सदन में नही हुई. सेक्रेटरी उन्हें समझा रहे है कि रिजल्ट बताना है. हर दो मिनट में वे व्हाट्सएप (Whatsapp) चेक करती हैं और जो इंस्ट्रक्शन आते है वैसे वे करती हैं. उनके संस्कार पर मैं नही जाना चाहता. वे पढ़ी लिखी हैं, लेकिन वे हमें क्या शिक्षा हम दे रहे हैं.
वहीं सचदेवा ने कहा कि हमारे पार्षद बताते हैं कि एक पुरूष पार्षद को उनकी महिला पार्षद ने गलत भाषा में बात की. हमारी महिला पार्षद को गलत तरीके से छुआ गया. उन्हें संघर्ष की आदत नहीं इसलिए हिंसा करते हैं. जिस तरह से मनमानी कर रहे हैं. निगम का एक्ट सपष्ट है. हमारी मांग है कि मेयर टेक्निकल कमिटी की रिपोर्ट स्वीकार करें. परिणाम घोषित करें. अगर वे ऐसा नही करती हैं तो वे नियम के खिलाफ हैं. धारा 190 डीएमसी एक्ट की अगर ऐसा दोबारा होता है तो इसका कोई विकल्प नहीं है और एमसीडी भंग की जा सकती है.
केंद्र सरकार के अध्यादेश के जरिये ऐसी वजहों से निगम को भंग कर सकती है. परिणाम घोषित नहीं किया. आपको रिजल्ट घोषित करना है. दोबारा मतदान अलोकतांत्रिक है. चुनाव में कोई बाधा नहीं हुई काउंटिंग ठीक हुई है. इनकी मंशा ठीक नहीं है. दोबारा चुनाव अलोकतांत्रिक है. सचदेवा ने कहा कि मेयर कुर्सी की गरिमा का ध्यान रखें. मेयर की कुर्सी पोलिटिकल कुर्सी नहीं है. वोटिंग काउंटिंग टेक्निकल एक्सपर्ट की रिपोर्ट है. अगर रिजल्ट वे घोषित नहीं करती हैं तो बीजेपी उन्हें ये अलोकतांत्रिक काम नहीं करने देगी. हमारे लिए रास्ते खुले हैं हम कोर्ट का भी सहारा ले सकते हैं. अगर वे हठधर्मिता पर रहती है तो हमारे पास कोई और रस्ता नहीं है, हमने उन्हें MCD भंग करने की चेतावनी दी है.