दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने पर MCD के 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. एलजी ने ऐसा पहली बार नहीं किया है इससे पहले भी IAS और PCS सहित तमाम अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किया है.
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नई दिल्ली: दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने नगर निगम (MCD) के 6 अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है. इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. एलजी (LG) कार्यालय के सूत्रों ने आज यानी मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सक्सेना ने करोल बाग में अनधिकृत निर्माण को कथित रूप से नियमित करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को एक डेप्युटी रजिस्ट्रार के खिलाफ मुकदमा चलाने की भी अनुमति दी है. सीबीआई जल्द ही भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर देगी.
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जानकारी के अनुसार एमसीडी के अंदर से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए एलजी सक्सेना लगातार वहां के कामकाज की निगरानी कर रहे हैं. इस दौरान एलजी के पास एक मामले की शिकायत आई, जिसके बाद मामले की जब जांच कराई गई तो शिकायत में सत्यता की पुष्टि हुई. इसके बाद एलजी ने एमसीडी आयुक्त को कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद एमसीडी आयुक्त ने घोर लापरवाही बरतरने, आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और अनुचित लाभ लेने के मामले में एलजी सक्सेना के निर्देश पर 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. बता दें कि एमसीडी, दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अभी जांच की जा रही है. इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि, करीब एक माह पहले जून में भी उपराज्यपाल ने इसी तरह से सख्त कार्रवाई करते हुए एक आईएएस अधिकारी, दो पीसीएस व तीन अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. भ्रष्टाचार और लंबित अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत वसंत विहार के एसडीएम हर्षित जैन, विवेक विहार के एसडीएम देवेंद्र शर्मा और सीएमओ के उपसचिव प्रकाश चंद ठाकुर को निलंबित किया गया था. इसके दो दिन बाद ही डीडीए (DDA) की कई करोड़ की जमीन को एक प्राइवेट पार्टी को ट्रांसफर करने के लिए हौज खास के सब रजिस्ट्रार और रिकॉर्ड रूम प्रभारी रमेश कुमार को निलंबित किया था.
वहीं एलजी वीके सक्सेना ने शराब के लाइसेंस के लिए काली सूची में डाली गईं कंपनियों का पक्ष लेने के आरोपों पर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है. यह मामला आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से जुड़ा है. यह नीति नवंबर 2021 में लागू की गई थी. आबकारी नीति 2021-22 के तहत 849 खुदरा शराब दुकानों के लाइसेंस खुली बोली के जरिए दिए गए. इसके लिए उन्होंने शहर को 32 क्षेत्रों में बांटा था और प्रत्येक बोली लगाने वाले को अधिकतम दो जोनल लाइसेंस रखने की अनुमति दी गई थी.
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