वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देने के लिए दिल्ली सरकार 30 स्कूल प्रमुखों को भेजेगी कैंब्रिज
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वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देने के लिए दिल्ली सरकार 30 स्कूल प्रमुखों को भेजेगी कैंब्रिज

दिल्ली सरकार अपने स्कूलों के शिक्षकों को वर्ल्ड-क्लास बनाने के लिए 30 स्कूलों प्रमुखों व शिक्षा अधिकारियों की टीम को आठ दिवसीय स्पेशल लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए हर साल कैंब्रिज भेजता है. अभी तक 400 स्कूल प्रमुख इस ट्रेनिंग में भाग ले चुके हैं. इस साल का दूसरा ग्रुप है जो 10 अक्टूबर से कैंब्रिज में अपनी ट्रेनिंग शुरू करेंगे.

वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देने के लिए दिल्ली सरकार 30 स्कूल प्रमुखों को भेजेगी कैंब्रिज

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार अपने स्कूलों के शिक्षकों को वर्ल्ड-क्लास एक्सपोजर देने की श्रृंखला में 30 स्कूलों प्रमुखों व शिक्षा अधिकारियों की टीम को आठ दिवसीय स्पेशल लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए कैंब्रिज भेज रही है. कैंब्रिज यात्रा से पूर्व शिक्षकों के इस दल से सोमवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने मुलाकात की. इस मौके पर प्रमुख शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा व अतिरिक्त शिक्षा निदेशक रीता शर्मा भी उपस्थित रही.

बता दे कि दिल्ली सरकार कैंब्रिज में हर साल अपने स्कूल प्रमुखों के समूहों को विशेष नेतृत्व प्रशिक्षण के भेजती है. अब तक लगभग 400 स्कूल प्रमुख इस ट्रेनिंग में भाग ले चुके हैं. इसी क्रम में यह इस साल का दूसरा ग्रुप है जो 10 अक्टूबर से कैंब्रिज में अपनी ट्रेनिंग शुरू करेंगे. केजरीवाल सरकार द्वारा अपने स्कूल प्रमुखों के लिए तैयार किए गए.

इस लीडरशिप ट्रेनिंग व एक्सपोजर प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य स्कूल प्रमुखों को क्लासरूम प्रैक्टिसेज में डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना के साथ लीडरशिप स्किल्स, हाई परफोर्मेंस टीम को मैनेज करने के लिए जरुरी स्किल्स तथा क्लासरूम में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षकों द्वारा अपनाए जाने वाले बेस्ट पेडागोजी प्रैक्टिसेज के बारे में जानकारी प्रदान करना है. कैंब्रिज के अपने इस विजिट पर स्कूल प्रमुख तीन स्कूल जिनमें फुलब्रिज अकादमी, विचफोर्ड विलेज कॉलेज और चेस्टर्टन कम्युनिटी कॉलेज शामिल है का भी दौरा करेगा.

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इस मौके पर शिक्षामंत्री ने स्कूल प्रमुखों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमारे स्कूलों के प्रमुख और शिक्षक दिल्ली शिक्षा क्रांति के ध्वजवाहक हैं और इनके काम की आज दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है. हमारे शिक्षकों की कड़ी मेहनत और प्रयासों के कारण ही अब पेरेंट्स मजबूरी में नहीं बल्कि मंजूरी के साथ अपने बच्चों के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों को चुन रहे है और यह सब हमारे स्कूलों को लीड करने वाले स्कूल प्रमुखों को स्पेशलाइज्ड प्रोफेशनल ट्रेनिंग और विश्वस्तरीय एक्सपोजर प्रदान करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विज़न से संभव हुआ है.

उन्होंने कहा कि इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ हमारा उद्देश्य अपने स्कूल प्रमुखों को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रणालियों से सीखने का अवसर प्रदान करना है. स्कूल प्रमुखों से चर्चा के दौरान सिसोदिया ने कहा कि अपने विजिट के दौरान हमारे स्कूल प्रमुख को एक लर्नर के रूप में से कैंब्रिज जाए और वहां के इनोवेटिव टीचिंग प्रोसेस, लीडरशिप स्किल्स को देखे और उसके माध्यम से अपने स्कूलों के संदर्भ में यह जानने का प्रयास करें कि कैसे हम कैंब्रिज में अपनाए जाने वाले अनूठे प्रैक्टिसेज को दिल्ली के स्कूलों में भी यहां की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपनाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि हमारे स्कूल प्रमुख विजिट के दौरान इस चीज पर भी फोकस करें कि कैसे वहां टेक्नोलॉजी का सर्वोतम प्रयोग किया जा रहा है और कैसे मौजूदा संसाधनों के साथ हम उसे अपने स्कूलों में भी अपना सकते है. शिक्षा मंत्री ने बताया कि लीडरशिप ट्रेनिंग के दायरे को बढ़ाते हुए इस साल रिसर्च को भी जोड़ा गया है. जहां ट्रेनिंग के दौरान स्कूल प्रमुख एक मिनी रिसर्च करेंगे कि अभी उनके स्कूलों में क्या-क्या चुनौतियां है और कैसे इस ट्रेनिंग के साथ वो उन चुनौतियों को दूर करने का काम कर सकते है.

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उन्होंने कहा कि इससे हमारे स्कूल प्रमुखों को एक लीड लर्नर व स्कूल लीडर के रूप में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सिसोदिया ने कहा कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय सबसे अनूठी असेसमेंट प्रैक्टिसेज को विकसित करने के लिए जाना जाता है और कैंब्रिज की इस यात्रा के दौरान हमारे स्कूल प्रमुखों को भी इसे देखने व सीखने की जरुरत है, ताकि दिल्ली में भी असेसमेंट के उन बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाया जा सकें जो छात्र केंद्रित हो और उनके सर्वांगीण विकास में सहायक बने न की स्टूडेंट्स के तनाव का कारण.

स्कूल प्रमुखों की कैंब्रिज की आगामी यात्रा का मुख्य आकर्षण होगा मिनी रिसर्च प्रोजेक्ट

कैंब्रिज में 8 दिन के प्रशिक्षण के दौरान, स्कूल प्रमुखों को उन शिक्षा विशेषज्ञों से मिलने का अवसर मिलेगा जो यूके में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं. वे तीन स्थानीय शिक्षा संस्थानों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों से भी मुलाकात करेंगे, ताकि यह समझ सकें कि कैसे यूके में शिक्षा नीतियों को प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जा रहा हैं और यूके के स्कूलों में कौन से इनोवेटिव टीचिंग प्रैक्टिसेज को अपनाया जा रहा है. केजरीवाल सरकार के स्कूल प्रमुख विजिट के अपने इन अनुभवों को दिल्ली के शिक्षा मॉडल से जोड़ने का काम करेंगे.

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इसके साथ ही स्कूल प्रमुख एक "मिनी रिसर्च प्रोजेक्ट" पर भी काम करेंगे. इसमें वे शिक्षा के क्षेत्र के अपने किसी खास विषय या फिर एक प्रॉब्लम स्टेटमेंट पर काम करते हुए उसपर रिसर्च करेंगे. इस मिनी रिसर्च प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्कूल प्रमुखों को यह पहचानने में मदद करना है कि कैसे यहां मौजूदा चुनौतियों पर काम करते हुए दिल्ली सरकार के स्कूलों के पारिस्थितिकी तंत्र को और बेहतर बनाया जा सकता है.

गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार अब तक अपने स्कूलों के 400 स्कूल प्रमुखों को लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए कैंब्रिज भेज चुकी है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने अपने प्रधानाचार्य और शिक्षकों को फिनलैंड, सिंगापुर आदि जैसे कई अन्य देशों में भी भेजा है. इनमे 59 स्कूल प्रमुखों को फिनलैंड व 300 टीचर डेवलपमेंट कोआर्डिनेटर्स को सिंगापुर भेजा हैं. इसके अलावा 300 से ज्यादा मेंटर टीचर्स को भी विभिन्न अन्य देशों में जिन्हें दुनिया में सबसे अच्छी शिक्षा प्रणाली के लिए जाना जाता है. वहा ट्रेनिंग के लिए भेजा है.

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