दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति में शामिल तीन आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट में उनके द्वारा ये दलील दी गई थी कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र भी दाखिल हो गया है इसलिए हमें जमानत दी जाए.
Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने मंगलवार को आबकारी विभाग के दो पूर्व लोक सेवकों, कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह तथा तीन अन्य गौतम मूथा, अरुण पिल्लई और व्यवसायी समीर महेंद्रू को अंतरिम जमानत दे दी. दिल्ली सरकार की आबकारी नीति मामले की जांच के दौरान सभी पांच आरोपियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया था.
आरोपियों को मिली अंतरिम जमानत
दिल्ली आबकारी नीति मामले में विषेश न्यायधीश एमके नागपाल ने आबकारी विभाग के दो पूर्व अधिकारी कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह साथ ही कारोबारी गौतम मूथा, अरुण पिल्लई को अंतरिम जमानत दे दी है. मिली जानकारियों के अनुसार मामले की अगली सुनवाई की तारिख 24 जनवरी रखी गई है. आबकारी नीति में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है. मामले के दो आरोपी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली को अदालत ने पहले ही जमानत दे दी थी. हालांकि आरोपियों में शामिल समीर महेंद्र विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के आरोप में पहले से ही जेल में बंद है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोर्ट में जमानत की दलीले देते हुए उनके द्वारा कहा गया था कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र भी दाखिल हो गया है. इसलिए हमें जमानत दी जाए.
ये भी पढ़ें: कंझावला के बाद एक और हैवानियत, कार की टक्कर से छात्रा का ब्रेनहैमरेज
क्या थी दिल्ली की नई आबकारी नीति
दिल्ली सरकार ये दावा करती है कि वह नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब खरीदने का अनुभव बदलना चाहती थी. सरकार की नई पॉलिसी में काफी कुछ बदलाव किया गया था. नई नीति लागू होने से होटलों के बार, क्लब्स और रेस्टोरेंट्स को रात 3 बजे तक खुली रखने की छूट की बात कही गई है. साथ ही इस नीति के तहत छत समेत किसी भी जगह शराब परोसा जा सका जाएगा. इससे पहले खुले स्थानों पर शराब के सेवन या परोसने पर रोक थी. नई नीति में ये भी जिक्र है कि बार में किसी भी तरह के मनोरंजन का इंतजाम किया जा सकता है. साथ ही नई नीति आने के बाद बार काउंटर पर खुल चुकीं बोतलों की शेल्फ लाइफ पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी. नई आबकारी नीति लागू होने के बाद से दिल्ली के कुल 32 जोन में 850 में से 650 दुकानें खुल चुकी हैं. दिल्ली सरकार ने नई नीति के पिछे दलील दी है कि इससे मुनाफा होगा और राज्य का राजस्व बढ़ेगा.