सरकारी बैंकों और बीमा कंपनियों का पैसा कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को दिए जाने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता ने सोनीपत, कैथल, और हिसार में सड़कों पर उतर आए. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की चुप्पी बताती है कि सरकार को बड़े उद्योगपति चला रहे हैं
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चंडीगढ़ः हिंडनबर्ग जांच खुलासे के बाद अब कांग्रेस ने सोनीपत में सोमवार यानी आज सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है. सोनीपत प्रदर्शन का नेतृत्व गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक और विधायक सुरेंद्र पवार ने किया. कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश और देश में गरीबों के साथ अन्याय किया जा रहा है जो कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी.
देश के जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है. ऐसे में जहां उनके शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है. तो वहीं, राजनीति भी पूरे मामले पर गरमाई हुई है. कांग्रेस ने संसद से लेकर सड़क तक अडानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
सोनीपत में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ रोष मार्च निकाला है. इस दौरान प्रदर्शनकारी कांग्रेसी विधायकों ने साफ चेतावनी दी कि उनका प्रदर्शन जब तक जारी रहेगा जब तक सरकार पूरे मामले की जांच नहीं करती. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी यही बताती है कि सरकार को बड़े उद्योगपति चला रहे हैं और सरकार नाम की चीज नहीं है.
हिसार में कार्यकर्ता बोले- बैंक अडानी से तुरंत रिकवरी करें
सरकारी बैंकों और बीमा कंपनियों का पैसा कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को दिए जाने के विरोध में कांग्रेस आज सड़कों पर उतरी. कांग्रेस नेताओं ने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर हिसार में स्थित SBI के रीजनल सेंटर के बाहर प्रदर्शन किया. कांग्रेसी नेताओं ने इस बीच नाराजगी जाहिर करते हुए उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की.
कांग्रेस नेता बजरंग दास गर्ग, पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, धर्मबीर गोयत और रामभक्त शर्मा सहित तमाम नेताओं ने कहा कि बैंक अडानी से तुरंत रिकवरी करें, जनता के पैसे को बर्बाद नहीं करने देंगे. अगर बैंक एक्शन नहीं लेता है तो बैंकों पर तालेबंदी करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
कैथल में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं प्रदर्शन, LIC और SBI नहीं होने देंगे बर्बाद
कैथल में आज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कैथल के एलआईसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अपने करीबी दोस्तों और चुनिंदा अरबपतियों को फायदा पहुंचाने की नीतियों से पूरा देश, खासकर मध्यम वर्ग चिंतित है. मोदी सरकार द्वारा अडानी समूह में LIC और SBI जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश ने भारत के निवेशकों (एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और एसबीआई के 45 करोड़ खाताधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.
उन्होंने कहा कि LIC और SBI जैसे पीएसयू हमारे देश का गौरव हैं और करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई से बने हैं। अपने सबसे अच्छे दोस्त की मदद करने के इरादे से मोदी सरकार ने जबरदस्ती एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अडानी समूह में निवेश किया है जिससे पिछले कुछ दिनों में एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसीधारकों और निवेशकों को 33,060 करोड़ का नुकसान हुआ है. भारतीय स्टेट बैंक और अन्य भारतीय बैंकों ने अडानी समूह को भारी मात्रा में ऋण दिया है और अडानी समूह पर भारतीय बैंकों का लगभग 80,000 करोड़ बकाया है.
कांग्रेस पार्टी कभी भी किसी खास भारतीय कॉर्पोरेट घराने के खिलाफ नहीं रही है. हम चुनिंदा अरबपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम बदलने के विचार के खिलाफ है. हम हमेशा गरीब और आम आदमी के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे. कांग्रेस पार्टी एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने के मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए संसद में लड़ रही है. कांग्रेस पार्टी ने इस सबके खिलाफ जमीनी स्तर पर आंदोलन करने का फैसला किया है.
इनकी मुख्य मांगे इस प्रकार हैं
1. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के द्वारा हिंडनवर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर विस्तार से एक निष्पक्ष जांच कारवाई जाए.
2. एलआईसी, एसबीआई और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के अडानी समूह में किए गए जबरदस्त निवेश पर संसद में निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.