उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ समय पहले UP में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया था. लेकिन, शायद अब सीएम योगी का यह सपना टूटता हुआ दिखाई दे रहा है. इतना ही नहीं सीएम योगी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर काफी बबाल भी हो चुका है. पढ़ें पूरी खबर...
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प्रणव भारद्वाज/ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी के लिए पहली बार ग्लोबल टेंडर डाला गया, लेकिन तकनीकी कारणों से वह खोला नहीं जा सका. इसके लिये आज लखनऊ में PPP बिड ईवैल्युवेशन कमेटी की बैठक होनी है. इसकी अध्यक्षता औद्योगिक विकास आयुक्त करेंगे. यमुना प्राधिकरण के सीईओ के अलावा अलावा इस बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव न्याय, अपर मुख्य सचिव सूचना व अपर मुख्य सचिव नियोजन शिरकत करेंगे.
अब परियोजना को लेकर नए सिरे से योजना बनाई जाएगी. फिल्म सिटी परियोजना के लिए बिडर नहीं आने से सलाहकार एजेंसी सीबीआरई सवालों के घेरे में आ गई है. बैठक नई सलाहकार एजेंसी का भी चयन किया जा सकता है. यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी विकसित की जानी है.
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यमुना प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए सीबीआरई कंपनी को सलाहकार एजेंसी तय किया था. यह कंपनी ही टेंडर प्रक्रिया को करा रही थी जिसमें चयन से लेकर परियोजना के पूरा होने तक यह कंपनी को काम करना था. इसके लिए कंपनी को 70 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना था. सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी की बीड जब 4 तारीख को बिड खोली गई तो सिंगल बीड आई थी जिसमें बीड लिखा गया था कि बीड की फीस 2 लाख 36 हजार रुपए और 100 करोड़ की एनबी भी जमा की गई है.
इसी के साथ प्राधिकरण के फाइनेंस डिपार्टमेंट जब जांच की तो पाया, न तो बीड की फीस100 करोड़ की एनबी भी जमा की गई है ऐसी दशा में टेक्निकल बिड नहीं खोली जा सकती है केवल एक बीड आने से परियोजना के लिए चयनित की गई. अमेरिकन कंपनी सीबीआरआई पर सवाल खड़े हो गए हैं. पीपीपी बिड ईवैल्युवेशन कमेटी में इस पर कार्रवाई भी हो सकती है. इसके लिये आज लखनऊ में कमेटी की बैठक होनी है.
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