हरियाणा विधान सभा में मनाया डॉ अम्बेडकर का 68वां महापरिनिर्वाण दिवस
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हरियाणा विधान सभा में मनाया डॉ अम्बेडकर का 68वां महापरिनिर्वाण दिवस

हरियाणा विधान सभा सचिवालय में बुधवार को डॉ भीमराव अम्बेडकर जी का 68 वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया. इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने विधायकों, विधान सभा के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके आदर्शों को याद किया.

हरियाणा विधान सभा में मनाया डॉ अम्बेडकर का 68वां महापरिनिर्वाण दिवस

हरियाणा विधान सभा सचिवालय में बुधवार को डॉ भीमराव अम्बेडकर जी का 68 वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया. इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने विधायकों, विधान सभा के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके आदर्शों को याद किया.

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी होने के साथ-साथ भारतीय इतिहास का प्रवाह मोड़ने वाला रहा है. हमारे समाज में शताब्दियों से व्याप्त बुराइयों के खिलाफ वे न सिर्फ एक सशक्त आवाज थे, अपितु उन्होंने समाज के वंचित, पीड़ित समाज के उद्धार का रास्ता भी सुनिश्चित किया.  

गुप्ता ने कहा कि अनेक लोगों ने डॉ. अंबेडकर को जाति विशेष के दायरे तक सीमित करने का प्रयास किया, जो उनके पुरुषार्थ और प्रतिभा के साथ अन्याय है. उनकी प्रतिभा और सामाजिक सक्रियता को देखते हुए वे प्रत्येक आयु वर्ग और सामाजिक वर्ग के लिए आदर्श महानायक हैं. उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. उनकी अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने परिश्रम पूर्वक कार्य कर भारतीय संविधान को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज बनाया, इसके लिए पूरा देश उनका ऋणी है.

डॉ साहब ने अपना पूरा जीवन गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए आवाज बुलंद की तो साथ ही आर्थिक जगत को नई दिशा प्रदान की. इस दृष्टि से उन्हें नूतन सामाजिक क्रांति का अग्रदूत भी कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. उन्होंने अपनी मेधा से प्रामाणित कर दिया कि आर्थिक अभावों के बावजूद कड़ी परिश्रम से सब कुछ हासिल किया जा सकता है. 

डॉ. अम्बेडकर जी ने आदर्श लोकतंत्र की न केवल कल्पना की बल्कि उसे मूर्त रूप देने के लिए समुचित कार्य भी किया. उन्होंने भारत के लोगों की जरूरतों, आशाओं और आकांक्षाओं को बारीकी से समझा. इसलिए समय के साथ-साथ हमारा लोकतंत्र सशक्त होता गया.

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आज हमारा देश बाबा साहेब के आदर्शों का पालन करते हुए ही संसदीय लोकतंत्र के सहारे निरंतर आगे बढ़ रहा है. इस लोकतंत्र को व्यावहारिक रूप से सफल बनाने में हम सबको ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, जिम्मेदारी और जवाबदेही से काम करना चाहिए. तभी हम बाबा साहेब के आदर्शों को अपने जीवन में जीवित कर सकेंगे. इस अवसर विधायक सत्यप्रकाश जरावता, सीताराम यादव, नरेंद्र गुप्ता, रणधीर गोलन, वरुण चौधरी समेत अनेक विधायक व अधिकारी मौजूद रहे. 
Input: Vijay Rana 

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