Ram Navmi 2023: नवरात्रि के नौवें दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्म कैसे हुआ और क्या है इसकी पूरी कहानी आइए जानते हैं.
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Chaitra ram navami 2023: नवरात्रि का समापन राम नवमी के दिन होता है. इस दिन कन्या पूजन के साथ भगवान राम की भी पूजा की जाती है. बता दें कि चैत्र माह की नवमी को भगवान श्री राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी के नाम से जाना जाता है. महाभारत में बताया गया है कि एक बार भगवान शिव कहा था कि राम नाम का तीन बार उच्चारण हजारों देवताओं को याद करने के समान फल प्राप्त होता है. जानते हैं कि क्या है श्रीराम की जन्म कथा और किसने किया भगवान राम का नामकरण और साथ ही पूजा का शुभ मुहूर्त.
राम नवमी पूजा शुभ मुहूर्त (Ram Navmi 2023 Puja Shubh Muhurat)
सुबह 11:11 से 1:40 तक
राम नवमी कथा (Ram Navmi Katha)
धर्मिक ग्रंथों की माने तो भगवान राम का अवतार त्रेता युग में हुआ था. कहते हैं कि अयोध्या के राम के पिता राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करवाया. जिसमें कई तेजस्वी औज जाने मानें पण्डितों ने ये यज्ञ कराया. यज्ञ में खीर का प्रसाद चढ़ाया गया था, जिसको राजा ने अपनी तीनों रानियों को दिया. कहते हैं कि इस खीर के सेवन से चैत्र शुक्ल नवमी को राजा की तीनों रानी माता कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी ने चार बेटों को जन्म दिया.
किसने किया भगवान राम का नामकरण (Shri Ram Namakaran Katha)
राजा दशरथ की रानी कौशल्या ने सुंदर बालक ने जन्म दिया और महर्षि वशिष्ठ ने इस बच्चे का नाम रामचंद्र रखा गया. वशिष्ठ की मानें तो राम शब्द दो बीजाक्षरों अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बना है. राम के उच्चारण से शरीर और साथ ही इंसान की आत्मा को शक्ति और शांति मिलती है. साथ ही रानी माता सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न और रानी कैकेयी ने भरत को जन्म दिया था.