AAP से जुबानी जंग के बीच BJP के इस आरोप पर The New York Times को भी देनी पड़ी सफाई
Advertisement

AAP से जुबानी जंग के बीच BJP के इस आरोप पर The New York Times को भी देनी पड़ी सफाई

CBI Raid : बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सिसोदिया से जुड़ी खबर को लेकर ट्वीट किया- द न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज टाइम्स में पैसे देकर खबर तो छपवा ली पर झूठ और चोरी की आदत नहीं गई. ये फोटो दिल्ली के सरकारी स्कूल की नहीं, बल्कि मयूर विहार के मदर मैरी स्कूल के बच्चों की है. 

AAP से जुबानी जंग के बीच BJP के इस आरोप पर The New York Times को भी देनी पड़ी सफाई

नई दिल्ली : देश की राजधानी में आज सुबह एक ओर नई शराब नीति को लेकर सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर रेड की. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के फ्रंट पेज पर दिल्ली के स्कूलों की तारीफ से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित हुई. दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ करते हुए मनीष सिसोदिया की तस्वीर प्रकाशित की. इसके बाद तो जैसे आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेताओं में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.

सीबीआई की टीम ने करीब 15 घंटे तक सिसोदिया से नई शराब नीति को लेकर पूछताछ की और इसके बाद सिसोदिया के घर से कंप्यूटर, उनका मोबाइल और कुछ दस्तावेज अपने साथ ले गई. इसके बाद सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र सरकार पर जांच एजेंसिओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया. वहीं बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर जनता से झूठ बोलने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें : सिसोदिया के अलावा CBI ने जिन 15 लोगों को आरोपी बनाया, वो हैं कौन ?

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सिसोदिया से जुड़ी खबर को लेकर ट्वीट किया- द न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज टाइम्स में पैसे देकर खबर तो छपवा ली पर झूठ और चोरी की आदत नहीं गई. ये फोटो दिल्ली के सरकारी स्कूल की नहीं, बल्कि मयूर विहार के मदर मैरी स्कूल के बच्चों की है. केजरीवाल और सिसोदिया देश में भी झूठ बेच रहे हैं और विदेश में भी.

इधर BJP के पेड न्यूज के आरोपों के बाद खुद द न्यूयॉर्क टाइम्स ने मजबूत प्रतिक्रिया जारी करते हुए स्पष्ट किया कि दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली और सरकारी स्कूलों में बदलाव पर मनीष सिसोदिया से जुड़ा उनका लेख पूरी तरह से निष्पक्ष था. न्यूयॉर्क टाइम्स के प्रवक्ता निकोल टाइलर ने एक भारतीय मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में कहा, दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार के प्रयासों के बारे में हमारी रिपोर्ट निष्पक्ष और ऑन-द-ग्राउंड रिपोर्टिंग पर आधारित है. शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है, जिसे द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई वर्षों से कवर किया है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकारिता राजनीति से जुड़े लोगों या विज्ञापनदाता के प्रभाव से हमेशा स्वतंत्र रही है.

 ये भी पढ़ें : सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल से पूछा- नई आबकारी नीति से 'लूटा पैसा' कहां खर्च किया

आखिर द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपा क्या था
न्यूयॉर्क टाइम्स के फ्रंट पेज पर 'अवर चिल्ड्रन आर वर्थ इट' शीर्षक से छपी रिपोर्ट दिल्ली के एक पत्रकार ने लिखी है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जहां लाखों परिवार गरीबी दूर करने के लिए शिक्षा की ओर देख रहे हैं, वहां के स्कूलों की लंबे समय से जर्जर इमारतों, कुप्रबंधन, खराब शिक्षा और यहां तक ​​कि दूषित लंच देने वाली रेपुटेशन रही है, लेकिन आज हालात बदल गए हैं.

जहां दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2014 में 10वीं और 12वीं के बच्चों के पास होने का आंकड़ा 89 फीसदी और 82 फीसदी था, वो पिछले साल 100 फीसदी रहा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्कूलों की कायापलट के लिए करोड़ों रुपया खर्च कर रहे हैं. कुछ समय पहले तक इनमें कुछ स्कूलों का हाल तो ऐसा था कि जिनमें ना पीने का पानी था और कई में तो सांपों ने कब्जा किया हुआ था. अब स्कूल सिस्टम में सुधार के लिए टॉप एक्सपर्ट्स की मदद से नए पाठ्यक्रम को डिजाइन किया गया है. दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल से प्रभावित होकर भारत के अन्य राज्य जैसे तेलंगाना और तमिलनाडु की सरकारें अपनी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की कोशिश कर रही हैं. 

Trending news