भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर कसा तंज- किसानों की आय के बजाय लागत की डबल
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भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर कसा तंज- किसानों की आय के बजाय लागत की डबल

हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धान उत्पादक 14 राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी में बढ़ोतरी को नाकाफी बताते हुए इसे और बढ़ाने की मांग की है, लेकिन हैरत की बात है कि धान के बड़े उत्पादक हरियाणा ने केंद्र से ऐसी कोई सिफारिश नहीं की.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा की फाइल फोटो

विनोद लांबा/चंडीगढ़: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी सराकर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस सरकार को किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है. सरकार ने अपने स्तर पर आज तक किसान हित में न तो कोई फैसला किया और न ही कभी केंद्र सरकार से ऐसी कोई मांग की है. हुड्डा ने कहा है कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के समान एमएसपी (MSP) में बढ़ोतरी का ऐलान किया था, इसलिए धान उत्पादक 14 राज्यों ने एमएसपी में इस बढ़ोतरी को नाकाफी बताते हुए केंद्र सरकार से और बढ़ोतरी की मांग की है, लेकिन हैरत की बात है की धान के बड़े उत्पादक हरियाणा की सरकार ने केंद्र से ऐसी कोई सिफारिश नहीं की. इस पर तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने करीब 4500 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की मांग की है. पंजाब सरकार ने 3085 रुपये प्रति क्विंटल की सिफारिश की है. ऐसे में हरियाणा गठबंधन सरकार को भी कम से कम इतनी मांग तो करनी चाहिए थी.

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किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही सरकार
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय डबल करने का वादा किया था, लेकिन पहले रबी और अब खरीफ सीजन के लिए एमएसपी ऐलान से स्पष्ट हो गया है कि डबल आय का वादा सिर्फ एक जुमला था.  सरकार ने किसानों की आय नहीं बल्कि लागत डबल करने का कार्य किया है, क्योंकि आज की तारीख में महंगाई सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. खाद, बीज, दवाई और खेती उपकरणों पर सरकार ने बेतहाशा टैक्स लगा दिया है. ऐसे में अब एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी कर सरकार ने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है.

हुड्डा ने बताया कि जयपुर में हुए कांग्रेस के मंथन शिविर के दौरान उनकी कमेटी ने एक बार फिर स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फार्मूले के तहत किसानों को एमएसपी देने और एमएसपी गारंटी का कानून बनाने की सिफारिश की है. आज की तारीख में किसानों को लगभग आधी कीमत ही मिल रही है. 

आढ़तियों और मजदूरों की मांग उठाई
अपने बयान में हुड्डा ने अनाज मंडी आढ़तियों और मजदूरों की मांग को भी उठाया है. उन्होंने कहा कि करनाल समेत करीब 125 अनाज मंडी की आढ़ती एसोसिएशन के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इस बार के गेहूं सीजन में करीब 4.20 करोड़ क्विंटल गेहूं की खरीद हुई है. इसके एवज में 46 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आढ़तियां को करीब 193 करोड़ रुपये कमीशन दिया जाना था. इसी हिसाब से श्रमिकों को 27.50 पैसे प्रति क्विंटल की दर से 115 करोड़ 50 लाख रुपये मजदूरी देनी थी. कुल मिलाकर आढ़ती और मजदूरों को 308 करोड़ 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन सरकार ने अब तक इसका भुगतान नहीं किया है. नेता प्रतिपक्ष ने जल्द से जल्द इसके भुगतान की मांग उठाई है.

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