भिवानी में एक अनूठा मंदिर है, जहां माता की मूर्ति नवरात्रि में रोज नए स्वरूप दिखाती है. वहीं चेहरे के भाव भी बदलते हैं. यह मंदिर लगभग 700 साल पुराना मंदिर है.
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नवीन शर्मा/भिवानी: श्री भोजा देवी मंदिर के नाम से विख्यात भिवानी के नया बाजार में स्थित भोजा वाला देवी का मंदिर बड़ा ही प्राचीन मंदिर है. इस प्राचीन मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस मंदिर में माता की मूर्ति की नाक को बिधा गया है. ऐसी मूर्ति पूरे भारत में ओर कहीं नहीं है. बताया जाता है कि इस मंदिर की मूर्ति पूरे नौ दिन माता के स्वरूप दिखाती हैं और माता के चेहरे के भाव भी बदलते हैं.
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मंदिर का प्राचीन इतिहास इस प्रकार है कि इस मंदिर को भोजा जाति के लोगों ने बसाया था. मान्यता है कि लगभग 700 वर्ष पूर्व रेहड़े पर माता की मूर्ति लेकर कुछ लोग भिवानी के रास्ते जा रहे थे. मूर्ति लेकर जाने वाले लोगों को विश्राम करने का मन हुआ तो उन्होनें यहा पेड़ के नीचे विश्राम किया और माता की मूर्ति भी वहीं रख दी. थोड़ी देरी के बाद जब मूर्ति को वहां से ले जाने का प्रयास किया तो माता की मूर्ति वहीं स्थापित हो चुकी थी. इसके बाद आकाशवाणी हुई और कहा कि माता का मंदिर यही पर ही स्थापित किया जाए तभी से यह मंदिर यहां पर स्थापित कर दिया गया. भक्तजनों का मानना है कि इस मंदिर में माता का नौ के नौ दिन न केवल स्वरुप बदलता है, बल्कि माता के चेहरे के भाव भी बदलते हैं.
मंदिर के पुजारी भानु शर्मा ने बताया कि भिवानी के नया बाजार स्थित भोजा देवी का प्राचीन मंदिर बड़ा ही विशाल और सुंदर मंदिर हैं. इस मंदिर की विशेषता है कि यहां माता की मूर्ति का नाक बिधा हुआ हैं और माता का चेहरा प्रसन्न मुद्रा का हैं. यहां नौ के नौ दिन माता का स्वरुप बदलता हैं. इस मंदिर में दूर-दूर से भक्तजन माता के दर्शनों को आते है और मां इनकी मन की मुरादों को पूरा करती है.
मंदिर में पूजा करने आई सुशीला व पिंकी व अन्य भक्तों का भी यही कहना है कि इस मंदिर में जो भी आता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. उनका कहना है कि यहां माता के मंदिर में पांच सौ से ज्यादा ज्योत जलाई जाती हैं, जो कि नौ के नौ दिन तक जलती हैं. इस मंदिर में नवरात्रों मे हल्वा छोले व फल फ्रूट का प्रशाद भी बांटा जाता है.